वामपंथियों के गढ़ जेएनयू में हुई योगी आदित्यनाथ सरकार की तारीफ

दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में आयोजित एक विमर्श में वक्ताओं ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और दूसरी प्रतिबद्धताओं की प्रशंसा की। वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान सरकार ने अपराध के प्रति जीरो टालरेंस और महिला सुरक्षा पर जोर देते हुए जो व्यवस्था की है वह प्रशंसनीय है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Mon, 12 Jul 2021 10:34 AM (IST) Updated:Mon, 12 Jul 2021 10:34 AM (IST)
वामपंथियों के गढ़ जेएनयू में हुई योगी आदित्यनाथ सरकार की तारीफ
वामपंथियों के गढ़ जेएनयू में हुई योगी आदित्यनाथ सरकार की तारीफ

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कभी वामपंथी विचारकों के गढ़ रहे दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की तारीफ हुई है। यहां आयोजित एक विमर्श में वक्ताओं ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और दूसरी प्रतिबद्धताओं की प्रशंसा की। जेएनयू में प्रोफेसर पूनम कुमारी द्वारा आयोजित 'आइए चलें यूपी की ओर' विषयक चर्चा में दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सिद्धार्थ मिश्रा और अन्य प्रबुद्ध लोगों हिस्सा लिया।

डॉ. सिद्धार्थ मिश्रा ने कहा कि पिछली सरकारों में कानून व्यवस्था में ढिलाई की वजह प्रतिबद्धता में कमी व उदासीनता थी। लेकिन, वर्तमान सरकार ने अपराध के प्रति जीरो टालरेंस और महिला सुरक्षा पर जोर देते हुए जो व्यवस्था की है, वह प्रशंसनीय है।

सिद्धार्थ मिश्रा ने यह भी कहा कि अवैध स्लाटर हाउस पर कार्रवाई, अनुसूचित जाति, जनजातियों को न्याय दिलाने वाले कानून के प्रति योगी सरकार के कदम व्यवस्था को ठीक करने वाले हैं।विमर्श के दूसरे हिस्से में सौरभ अखौरी ने इस बात पर जोर दिया कि यदि शासक की दृष्टि सही और इच्छाशक्ति मजबूत हो तो प्रजा का कल्याण संभव है।

उन्होंने 1986 के यूपी गैंगस्टर एक्ट का हवाला देते हुए बताया कि आतंक, हिंसा, फिरौती, राज्य की शांति और संपत्ति नष्ट करने की कोशिश इन सभी मुद्दों पर पहले भी कानून थे, पर इच्छाशक्ति की कमी के चलते पहले की सरकारें कानून व्यवस्था ठीक करने में उतनी सफल न हो सकीं। वर्तमान में यूपी में सत्तासीन योगी आदित्यनाथ  सरकार ने मजबूत इच्छा शक्ति से इन सभी कानूनों को लागू किया है।

वहीं, विमर्श की संयोजक डॉ. पूनम कुमारी ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा सुधारी गई कानून व्यवस्था को वहां के लोग भी महसूस करते हैं। यह मौजूदा नेतृत्व की मजबूत इच्छाशक्ति से ही संभव हो सका है।

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