DU News: एआरएसडी कालेज में विद्या विस्तार योजना और प्रबोध आंतरिक शोध परियोजना का शुभारंभ

ARSD College News दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले उम्दा शिक्षण संस्थानों में शुमार आत्म राम सनातन धर्म कालेज में सोमवार को विद्या विस्तार योजना और प्रबोध आंतरिक शोध परियोजना का शुभारंभ हुआ। इस मौके पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीसी जोशी भी मौजूद रहे।

By Jp YadavEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 09:47 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 09:24 AM (IST)
DU News: एआरएसडी कालेज में विद्या विस्तार योजना और प्रबोध आंतरिक शोध परियोजना का शुभारंभ
ARSD College News: विद्या विस्तार योजना और प्रबोध आंतरिक शोध परियोजना का शुभारंभ

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले उम्दा शिक्षण संस्थानों में शुमार आत्म राम सनातन धर्म कालेज में सोमवार को विद्या विस्तार योजना और प्रबोध आंतरिक शोध परियोजना का शुभारंभ हुआ। इस मौके पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीसी जोशी ने कहा कि आत्मराम सनातन धर्म कालेज के प्राचार्य डा. ज्ञानतोष कुमार झा की जमकर सराहना की है। उन्होंने कहा कि डा. ज्ञानतोष कुमार झा की अगुवाई में एआरएसडी कालेज ने शोध के अलावा नवाचार के क्षेत्र और एनआइआरएफ रैंकिंग के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। 

प्रोफेसर पीसी जोशी ने एआरएसडी कालेज की आंतरिक परियोजना प्रबोध को स्नातक स्तर पर शोध और अनुसंधान को बढ़ावा देने वाला एक आवश्यक कदम बताया। इसके साथ उन्होंने उम्मीद जताई कि एआरएसडी पार्टनर कालेज को भी इसमें शामिल करेगा और उसे विस्तार प्रदान करेगा। पीसी जोशी के अनुसार, हिमालयन हिल एरिया और पर्यावरण को लेकर विशेष शोध और अध्ययन की दिशा में एआरएसडी कालेज राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बेरीनाग और कर्णप्रयाग के साथ मिलकर इस क्षेत्र में शोध और अनुसंधान को नई दिशा देगा। स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा जारी किए गए वैश्विक वैज्ञानिकों की सूची में कॉलेज के एक प्रोफेसर का नाम होने को दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय बताया। उन्होंने शोध और नवाचार के क्षेत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय का नेतृत्व करने के लिए बधाई दी।

अनुभव और ज्ञान को पार्टनर कालेज के साथ साझा करेंगे : डा. ज्ञानतोष कुमार झा

उधर, कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए एआरएसडी कालेज के प्राचार्य प्रो. ज्ञानतोष कुमार झा ने कहा कि कालेज में शोध और अनुसंधान की एक मजबूत परंपरा है। इसके अंतर्गत कालेज के  20 से अधिक छात्र-छात्राओं के शोधपत्र अब तक प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति ने भी अब स्नातक स्तर पर चौथे वर्ष में शोध अध्ययन को अनिवार्य कर दिया है। यह अलग बात है कि इसकी नीव हमने कालेज में पहले से डाल रखी है। प्राचार्य ज्ञानतोष कुमार झा ने कहा कि एआरएसडी कालेज अपना शोध अनुभव और शिक्षण प्रशिक्षण संबंधी अपने अन्य अनुभवों और ज्ञान को अपने पार्टनर कालेज के साथ साझा कर इस बात को और मजबूती प्रदान करेगा। 

कालेजों के साथ संयुक्त रूप से साझा करेंगे शोध व अनुभव

यहां पर बता दें कि विद्या विस्तार योजना दरअसल, दिल्ली विश्वविद्यालय की नई पहल है। इसके अंतर्गत यह लक्ष्य निर्धारित किया गया है कि डीयू के विभाग और कालेज देश के दूरवर्ती क्षेत्रों के कालेजों के साथ संयुक्त रूप से अपना शोध और अनुभव साझा करेंगे। इसके मकसद यह है कि तकनीकी, शोध और प्रबंधन के क्षेत्र में रीमोट कालेज को आगे बढ़ने और विकास करने का अवसर मिल सके। 

इसी कड़ी में डीयू के एआरएसडी कालेज ने राजकीय स्नातकोत्तर कालेज बेरीनाग (पिथौरागढ़) और राजकीय स्नातकोत्तर कालेज (कर्णप्रयाग) के साथ एक मेमोरेंडम साइन किया है। इसके तहत ही सोमवार को विद्या विस्तार योजना को आगे बढ़ाने और अपनी आतंरिक शोध परियोजना प्रबोध के उद्घाटन के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

विद्या विस्तार योजना दिल्ली विश्वविद्यालय की नई पहल है जिसके अंतर्गत यह लक्ष्य निर्धारित किया गया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के विभाग और कॉलेज भारत के दूरवर्ती क्षेत्रों के कॉलेज के साथ संयुक्त रूप से अपना शोध और अनुभव साझा करेंगे। इसी के तहत एआरएसडी कॉलेज ने राजकीय स्नातकोत्तर कालेज बेरीनाग पिथौरागढ़ तथा राजकीय स्नातकोत्तर कॉलेज कर्णप्रयाग के साथ एक मेमोरेंडम साइन किया है।और विद्या विस्तार योजना को आगे बढ़ाने और अपनी आतंरिक शोध परियोजना प्रबोध के उदघाटन हेतु आज एक कार्यक्रम का आयोजन किया।

एआरएसडी कालेज के साथ पार्टनर कालेज उठाएंगे योजना का लाभ : डा. विकास गुप्ता

वहीं, इस मौके पर दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डा. विकास गुप्ता ने कहा कि विद्या विस्तार योजना दरअसल कुलपति प्रो. पीसी जोशी के ब्रेन चाइल्ड के रूप में एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि इसके माध्यम से हम देश के उन रिमोट कालेज तक नयी तकनीकी और अद्यतन शोध और अनुसंधान को पहुंचा सकते हैं, जिनके पास पहले से यह सुविधा नहीं है। डा. विकास गुप्ता के मुताबिक,  रिसर्च और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कुछ कमियों की वजह से हम विश्व रैंकिंग में थोड़े पीछे हैं। इस क्षेत्र में आगे बढ़ने और उसे विकसित करने में एआरएसडी कालेज के साथ दोनों पार्टनर कालेज आएंगे और भविष्य में इसका लाभ उठाएंगे।

'हम ट्रेवल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट समेत कई क्षेत्रों में काम कर सकते हैं'

इस मौके पर राजकीय स्नातकोत्तर कालेज बेरीनाग के प्राचार्य प्रो. सीडी सुन्था ने कहा कि हम शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में एआरएसडी कालेज के अनुभवों का लाभ उठाते हुए हिल एरिया और पर्यावरण सातत्य को लेकर संयुक्त रूप से शोध करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हम ट्रेवल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट, कैरियर काउंसिलिंग के क्षेत्र में मिलकर काम कर सकते हैं।

'हम पार्टनर कॉलेज का सहयोग लेकर आगे बढ़ेंगे'

वहीं, राजकीय स्नातकोत्तर कालेज कर्णप्रयाग के प्राचार्य प्रो. जगदीश प्रसाद ने कर्णप्रयाग के एक रिमोट एरिया कॉलेज को शोध और नवाचार के क्षेत्र में पार्टनर बनाने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय और एआरएसडी कालेज का आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम पर्यावरण, इकोलॉजी ,सतत विकास और ट्रेवल एंड टूरिज्म के क्षेत्र में संयुक्त रूप से काम कर सकते हैं। हम पार्टनर कॉलेज का सहयोग लेकर इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का काम करेंगे।

कार्यक्रम में कालेज गवर्निंग बाडी के सदस्य प्रो. पीएल उनियाल तथा दिल्ली विश्वविद्यालय साउथ कैंपस के निदेशक प्रो. कुंडू भी मौजूद थे।

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