देश के चर्चित विशेषज्ञ डॉक्टर ने बताया- आखिर कैसे 3-4 हफ्ते में खत्म हो सकती है कोरोना की लहर

दिल्ली ही नहीं देशभर में ज्यादातर दफ्तरों में अलग-अलग जगहों से रहने वाले लोग एकत्रित होते हैं। यदि कर्मचारी कहीं एक साथ बैठते हैं तो मास्क का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। जो लोग टीका लगवा चुके हैं उनको भी मास्क लगाना चाहिए।

By Jp YadavEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 02:03 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 02:10 PM (IST)
देश के चर्चित विशेषज्ञ डॉक्टर ने बताया- आखिर कैसे 3-4 हफ्ते में खत्म हो सकती है कोरोना की लहर
लॉकडाउन कोरोना से बचाव का विकल्प नहीं है। इससे सामाजिक ढांचा बिगड़ जाता है और आर्थिक बदहाली होती है।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। राजधानी दिल्ली में कोरोना एक बार फिर बेकाबू हो रहा है। यहां संक्रमितों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। लेकिन, इससे घबराने की जरूरत नहीं है। यदि लोग मास्क पहनते रहें कोरोना की लहर तीन-चार हफ्ते में खत्म हो जाएगी। यह कहना है आइसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) द्वारा गठित विशेषज्ञ सलाहकार समूह के ऑपरेशनल रिसर्च समूह के चेयरमैन व जन स्वास्थ्य के विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र कुमार अरोड़ा का। उन्होंने राजधानी दिल्ली में लॉकडाउन की आशंका पर कहा कि यह कोरोना से बचाव का विकल्प नहीं है। इससे सामाजिक ढांचा बिगड़ जाता है और आर्थिक बदहाली होती है।

उन्होंने कहा कि जहां संक्रमण अधिक बढ़ रहा है वहां माइक्रो स्तर पर कंटेनमेंट जोन बनाकर सीमित इलाके या मोहल्ले को सील करना ज्यादा समझदारी की बात होगी। इसके अलावा सभी लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित किया जाए। यह पाया गया है कि यदि कुल आबादी में से 20 फीसद लोग भी मास्क पहनें तो संक्रमण 20 फीसद कम हो जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में धूल से बचने के लिए लोग गमछे से मुंह ढंक लेते हैं। महिलाएं भी चुन्नी से चेहरा ढंकती हैं। जो हमारा सांस्कृतिक तानाबाना है। यदि उसी को मास्क का रूप दे दें तो यह बहुत बेहतर होगा। इससे बीमारी का प्रसार रुक सकेगा।

डॉ. नरेंद्र अरोड़ा के अनुसार, पहले कोरोना का इतना डर था कि लोग फल-सब्जी भी घर लाते थे तो पांच-छह घंटे एक जगह छोड़कर रखते थे। इसके बाद ही इस्तेमाल करते थे। बाद में कोरोना का डर खत्म हो गया। कोरोना से बचाव के लिए थोड़ा भय भी जरूरी है। पिछले तीन-चार दिन से दिल्ली में एक बार फिर सबके चेहरे पर मास्क दिखने लगा है, यह डर के कारण है। यदि सभी ने सख्ती से मास्क का इस्तेमाल जारी रखा तो कोरोना की लहर तीन-चार हफ्ते मं थम जाएगी।

उन्होंने कहा कि दफ्तरों में अलग-अलग जगहों से रहने वाले लोग एकत्रित होते हैं। यदि कर्मचारी कहीं एक साथ बैठते हैं तो मास्क का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। जो लोग टीका लगवा चुके हैं उनको भी मास्क लगाना चाहिए, क्योंकि टीका लगे होने के कारण वे खुद तो गंभीर संक्रमण से सुरक्षित हैं पर उनके माध्यम से दूसरे लोगों में संक्रमण फैल सकता है।

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कपड़े का मास्क भी चलेगा

उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं है कि सिर्फ एन-95 मास्क ही लगाया जाए। यदि कपड़े का मास्क उपलब्ध है तो उसे ही इस्तेमाल करें। इसे धोकर दोबारा भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना ही पड़ेगा। सिर्फ रात्रि कर्फ्यू के भरोसे संक्रमण से नहीं बच सकते। टीका लगाने के बाद भी संक्रमण कम नहीं होता। इसलिए कोरोना की मौजूदा लहर को थामने के लिए मास्क ही सबसे प्रभावशाली विकल्प है। इसके अलावा बार-बार हाथ धोना जरूरी है। हाथ धोने के बाद ही चेहरा छूना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कोविशील्ड टीके से कुछ लोगों में ब्लड क्लाट की समस्या के बाबत उन्होंने कहा कि टीका लगने से ब्लड क्लाट व रक्तस्त्राव की समस्या यूरोप के देशों में सामने आई है, लेकिन भारत में लगता नहीं है कि ऐसी कोई समस्या है। इसके कारणों का पता लगाया जा रहा है कि वहां और यहां में क्या फर्क है। अगले सप्ताह तक रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी जाएगी। लेकिन, यहां कोई समस्या अब तक सामने आई नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना के मामले बढ़ने के साथ अस्पताल भरते जा रहे हैं। काफी संख्या में गंभीर मरीज अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। हां, यह बात जरूर है कि 60 साल से अधिक उम्र के 26 फीसद लोगों को टीकाकरण हो गया है। इस वजह से मृत्यु दर कम है।

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