दिल्ली के मैदानगढ़ी इलाके में विश्वस्तरीय संस्थानों के बीच नासूर होगी लैंडफिल साइट

लैंडफिल साइट के विरोध में लगातार बैठकों और पंचायतों का सिलसिला जारी है। स्थानीय लोग दिल्ली विकास प्राधिकरण (Delhi Development) में लगातार आपत्ति दर्ज करा रहे हैं। लोग कहते हैं कि चाहे कुछ हो जाए लेकिन इलाके में लैंडफिल साइट नहीं बनने दी जाएगी।

By JP YadavEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 09:56 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 09:56 PM (IST)
दिल्ली के मैदानगढ़ी इलाके में विश्वस्तरीय संस्थानों के बीच नासूर होगी लैंडफिल साइट
मैदानगढ़ी व आसपास के इलाके में प्रस्तावित लैंडफिल की सांकेतिक फोटो।

नई दिल्ली [विवेक त्यागी]। दिल्ली के मैदानगढ़ी व आसपास के इलाके में बन रहे विश्वस्तरीय संस्थानों के बीच प्रस्तावित लैंडफिल साइट नासूर साबित होगी। इसके विरोध में स्थानीय लोग किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं। लोग कहते हैं कि चाहे कुछ हो जाए, लेकिन इलाके में लैंडफिल साइट नहीं बनने दी जाएगी। लैंडफिल साइट के विरोध में लगातार बैठकों और पंचायतों का सिलसिला जारी है। स्थानीय लोग दिल्ली विकास प्राधिकरण (Delhi Development) में लगातार आपत्ति दर्ज करा रहे हैं।

विश्वस्तरीय सार्क यूनिवर्सिटी से महज 300 मीटर दूरी पर प्रस्तावित है लैंडफिल साइट

मैदानगढ़ी के लोग बताते हैं कि क्षेत्र में विश्वस्तरीय सार्क यूनिवर्सिटी बन रही है। लैंडफिल साइट इससे महज 300 मीटर की दूरी पर प्रस्तावित है। इसके अलावा क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा पैरामिलिट्री फोर्स के लिए अत्याधुनिक अस्पताल व रिसर्च सेंटर बनाया जा रहा है। विश्वस्तरीय सार्क यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए आने वाले विदेशी छात्रों के लिए अलग से आवास बनाए जाने भी प्रस्तावित हैं। यहां कई देशों के राजदूतों का आवागमन भी होगा। ऐसे में लैंडफिल साइट बनने से विश्वस्तर पर देश और राजधानी दिल्ली की छवि धूमिल होगी।

विरोध के चलते दो बार रद की जा चुकी है योजना

मैदानगढ़ी में लैंडफिल साइट बनाने की योजना सबसे पहले वर्ष 2016 में बनी थी। तभी इसके विरोध में स्थानीय निवासियों ने लैंडफिल रोको संघर्ष समिति बनाई और जोर-शोर से विरोध दर्ज कराया। लिहाजा योजना रद कर दी गई। संघर्ष समिति के संयोजक रोहित भारद्वाज ने बताया कि वर्ष 2018 में एक बार फिर दोबारा से लैंडफिल साइट प्रस्तावित की गई, लेकिन लैंडफिल रोको संघर्ष समिति के बैनर तले क्षेत्रवासियों ने पुरजोर तरीके से विरोध दर्ज कराया। इसके बाद दूसरी बार भी योजना को रद कर दिया गया।

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