जेवर एयरपोर्ट के लिए भू-अर्जन प्रस्ताव होगा संशोधित, 5926 परिवार हो रहे हैं प्रभावित

जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए पूर्व में आठ गांवों के भू-अर्जन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसमें रोही, पारोही, किशोरपुर, दयानतपुर, रामनेर, रन्हेरा, मुकीमपुर सिवारा, बनबारीवास शामिल थे।

By Edited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 07:13 PM (IST) Updated:Wed, 12 Sep 2018 03:39 PM (IST)
जेवर एयरपोर्ट के लिए भू-अर्जन प्रस्ताव होगा संशोधित, 5926 परिवार हो रहे हैं प्रभावित
जेवर एयरपोर्ट के लिए भू-अर्जन प्रस्ताव होगा संशोधित, 5926 परिवार हो रहे हैं प्रभावित

नोएडा [जेएनएन]। जेवर एयरपोर्ट के भू-अर्जन प्रस्ताव को संशोधित किया जाएगा। सोशल इंपेक्ट असेसमेंट एसआइए के लिए गठित विशेषज्ञ समूह की बैठक में दो गांवों को जेवर एयरपोर्ट के अधिग्रहण से बाहर करने पर सहमति बनी थी, इसलिए भू-अर्जन प्रस्ताव में संशोधन की जरूरत पड़ रही है। यमुना प्राधिकरण संशोधित भू-अर्जन प्रस्ताव प्रशासन को भेजेगा।

सोशल इंपेक्ट असेसमेंट किया गया
जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए पूर्व में आठ गांवों के भू-अर्जन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसमें रोही, पारोही, किशोरपुर, दयानतपुर, रामनेर, रन्हेरा, मुकीमपुर सिवारा, बनबारीवास शामिल थे। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय की टीम ने इन सभी गांवों में जेवर एयरपोर्ट परियोजना के प्रभाव के लिए सोशल इंपेक्ट असेसमेंट किया था।

प्रभावित परिवारों की संख्या अधिक बैठ रही है
एसआइए के मूल्यांकन के लिए गठित विशेषज्ञ समूह ने एयरपोर्ट के पहले चरण में जमीन की कम से कम जरूरत को देखते हुए रामनेर व मुकीमपुर सिवारा को अधिग्रहण से बाहर कर दिया, लेकिन इस प्रस्ताव को जिला प्रशासन को नहीं भेजा गया था। इसलिए जिला प्रशासन की नजर में जमीन अधिग्रहण पर सहमति के लिए प्रभावित परिवारों की संख्या अधिक बैठ रही है। प्रशासन की ओर से सहमति के लिए जारी सार्वजनिक सूचना में भी आठ गांवों का जिक्र हो रहा है।

5926 परिवार प्रभावित हो रहे हैं
सोमवार को गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में हुई बैठक में भू- अर्जन का संशोधित प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजने का निर्णय लिया गया। एयरपोर्ट से 5926 परिवार प्रभावित हो रहे हैं। दयानतपुर से 797, रोही से 919 व किशोरपुर से 59 परिवार विस्थापित होंगे। जिला प्रशासन इसी सप्ताह धारा 11 का प्रस्ताव तैयार कर लेगा। किसानों की सहमति का आंकड़ा पूरा होते ही इस प्रस्ताव को शासन को भेज दिया जाएगा।

धारा 11 की अधिसूचना जारी होना जरूरी 
पचास करोड़ से अधिक की लागत वाली परियोजना के लिए शासन से धारा 11 की अधिसूचना जारी होना जरूरी है। इसके मद्देनजर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग एंड इंप्लीमेंटेशन कमेटी से भी समय मांगा जा रहा है, ताकि जिला प्रशासन से भेजे गए धारा 11 के प्रस्ताव पर शासन स्तर से जल्द अधिसूचना जारी हो सके।

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