Chhatrasal Stadium News: जानिये- देश को कई मेडल दिलाने वाले पहलवानों ने क्यों छोड़ा छत्रसाल स्टेडियम
Delhis Chhatrasal Stadium स्टेडियम के अखाड़े से दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त जैसे बड़े पहलवान निकले हैं जिन्होंने इस अखाड़े का नाम रोशन किया था। ओलंपिक पदक विजेताओं के अलावा कॉमनवेल्थ गेम्स एशियन गेम्स विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता भी यहां से निकले हैं।
नई दिल्ली [योगेश शर्मा]। दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में मंगलवार रात को पहलवानों के दो गुटों की भिड़ंत के बाद एक पहलवान सागर धनखड़ की मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है। रोहतक के रहने वाले पहलवान सागर धनखड़ की मौत को लेकर दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि को उसे स्टेडियम में पहलवानों के बीच झगड़े की सूचना मिली थी। पुलिस यहां पहुंची तो उसने कुछ पहलवानों को चोटिल पाया, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, ताजा जानकारी के मुताबिक, अन्य आरोपितों के साथ पहलवान सुशील कुमार की तलाश में कई टीमों का गठन किया गया है। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस इस पूरे मामले में सुशील कुमार की भूमिका की जांच कर रही है। दिल्ली पुलिस की टीम सुशील कुमार के घर पर गई थी, लेकिन वह नहीं मिले।
बदनामी की भेंट चढ़ा छत्रसाल स्टेडियम
वहीं, जहां मॉडल टाउन स्थित दिल्ली सरकार के छत्रसाल स्टेडियम में मौजूद कुश्ती के अखाड़े से एक समय ओलंपिक पदक विजेता निकल रहे थे, लेकिन अब इस स्टेडियम का नाम बदनामी की भेंट चढ़ गया है। इस अखाड़े से दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त जैसे बड़े पहलवान निकले हैं, जिन्होंने इस अखाड़े का नाम रोशन किया था। ओलंपिक पदक विजेताओं के अलावा कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स, विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता भी यहां से निकले हैं। टोक्यो ओलंपिक का टिकट कटाने वाले दीपक पूनिया और रवि दहिया भी इसी अखाड़े के हैं। इस अखाड़े में पहलवानों के लिए सुविधाएं अच्छी थीं और बड़े टूर्नामेंटों में पदक जीतकर अखाड़े का नाम देश भर में था, लेकिन अब समय बदल गया है। इस अखाड़े का नाम झगड़ों के बाद अब हत्या के मामले में भी जुड़ गया है।
मंगलवार देर रात को इस अखाड़े में एक पहलवान की गोली मारकर हत्या करने का मामला सामने आया, जिसमें ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार सहित 10 से अधिक बदमाशों के खिलाफ हत्या सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। पिछले कुछ वर्ष से अखाड़े का नाम विवादों में ही रहा है। पहले योगेश्वर इसे छोड़कर चले गए, फिर दीपक पूनिया इसमें नहीं रहे। अखाड़े से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि इस स्टेडियम में पहलवानों के लिए अच्छा माहौल नहीं है, इसलिए नए पहलवान भी अखाड़े में कम आ रहे हैं और जो पुराने पहलवान हैं वे छोड़कर जा रहे हैं। इससे कुछ महीने पहले भी एक झगड़ा स्टेडियम में हुआ था जिसमें सुशील का नाम सामने आया था कि उन्होंने दूसरे पहलवान को पीट दिया था, लेकिन यह मामला बाद में शांत हो गया। हालांकि, दीपक अब इस अखाड़े को छोड़कर अपने निजी कोच विरेंद्र के अखाड़े में चले गए।