जानिए शिरोमणि अकाली दल के एक उम्मीदवार का किन वजहों से नामांकन हो गया रद, अब रह गए मात्र पांच उम्मीदवार

अब शिअद बादल के तीन शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) का एक और जागो का एक उम्मीदवार मैदान में है। आठ सितंबर तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। नौ सितंबर को दो नामित सदस्यों के चुनाव के लिए डीएसजीएमसी के नवनिर्वाचित 46 सदस्यों की बैठक होगी।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 07:52 PM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 07:52 PM (IST)
जानिए शिरोमणि अकाली दल के एक उम्मीदवार का किन वजहों से नामांकन हो गया रद, अब रह गए मात्र पांच उम्मीदवार
दो नामित सदस्यों के लिए नौ को होगा चुनाव, पांच उम्मीदवार रह गए मैदान में।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के नामित सदस्य बनने के लिए अब पांच उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं। कुल छह लोगों ने नामांकन पत्र भरा था। शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) के एक उम्मीदवार को गुरुमुखी का ज्ञान नहीं होने के कारण नामांकन रद कर दिया गया है। बादल दल के तीन उम्मीदवार अभी भी मैदान में हैं। कमेटी में दो नामित सदस्यों के चुनाव के छह सितंबर तक नामांकन भरा गया था। मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच की गई।

जग आसरा गुरु ओट (जागो) के उम्मीदवार परमिंदर पाल सिंह ने गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय से शिअद बादल के उम्मीदवार रविंदर सिंह आहूजा के खिलाफ गुरुमुखी का ज्ञान नहीं होने की लिखित शिकायत की थी। नामांकन पत्रों की जांच के समय आहूजा को छोड़कर अन्य सभी पांच उम्मीदवार मौजूद थे। जागो उम्मीदवार ने फिर से यह मामला उठाया और जिसके बाद नामांकन पत्र रद कर दिया गया।

डीएसजीएमसी सदस्य बनने के लिए गुरुमुखी का ज्ञान अनिवार्य होता है। नामांकन के समय उम्मीदवार को गुरुमुखी पढ़ना और लिखना पड़ता है जिसकी वीडियो रिकार्डिंग कराई जाती है। जागो उम्मीदवार ने शिअद बादल के एक अन्य उम्मीदवार विक्रम सिंह रोहिणी के नामांकन पत्र पर भी आपत्ति दर्ज कराई थी जिसे खारिज कर दिया गया। अब जागो ने अदालत का सहारा लेने का फैसला किया है।

अब शिअद बादल के तीन, शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) का एक और जागो का एक उम्मीदवार मैदान में है। आठ सितंबर तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। नौ सितंबर को दो नामित सदस्यों के चुनाव के लिए डीएसजीएमसी के नवनिर्वाचित 46 सदस्यों की बैठक होगी। नामित सदस्य बनने के लिए उम्मीदवार को 16 निर्वाचित सदस्यों का समर्थन जरूरी है। शिअद दिल्ली (सरना) ने जागो के तीन निर्वाचित सदस्यों के समर्थन का दावा किया था, लेकिन जागो के परमिंदर पाल के नामांकन करने से मुकाबला रोचक हो गया है।

बताते हैं कि सरना गुट जागो उम्मीदवार को नामांकन वापस लेने के लिए राजी करने की कोशिश में है। उसके 14 सदस्य चुनाव जीते थे लेकिन एक शिअद बादल के खेमे में चला गया। इस स्थिति में उसके लिए जागो का समर्थन जरूरी है। इसी तरह से शिअद बादल का भी एक उम्मीदवार नामांकन वापस ले सकता है। उसके दो उम्मीदवार मैदान में रहेंगे। लेकिन, दूसरे उम्मीदवार की जीत के लिए जागो के साथ ही पंथक अकाली लहर व निर्दलीय के एक-एक उम्मीदवार का समर्थन जरूरी होगी। दोनों बड़ी पार्टियां एक दूसरे के खेमे में सेंध लगाने की कोशिश में लगे हुए हैं।

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