कैंसर मरीजों की मौत के बाद उन्हें फिर 'मारकर' बीमे की रकम हड़पने वाले गैंग का पर्दाफाश

मरीज की मौत होते ही परिजनों की इजाजत से शव को गाड़ी से कुचल दुर्घटना का रूप दे देते थे। इसके बाद बीमा कंपनियों से रुपये ऐंठ लेते थे। गिरोह का सरगना वकील है।

By JP YadavEdited By: Publish:Sat, 20 Apr 2019 08:20 AM (IST) Updated:Sat, 20 Apr 2019 02:17 PM (IST)
कैंसर मरीजों की मौत के बाद उन्हें फिर 'मारकर' बीमे की रकम हड़पने वाले गैंग का पर्दाफाश
कैंसर मरीजों की मौत के बाद उन्हें फिर 'मारकर' बीमे की रकम हड़पने वाले गैंग का पर्दाफाश

सोनीपत, जेएनएन। स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) की सोनीपत इकाई ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है, जो कैंसर मरीजों के परिजनों से संपर्क कर उनके नाम पर बीमा कराते थे और मरीज की मौत होते ही परिजनों की इजाजत से शव को गाड़ी से कुचल दुर्घटना का रूप दे देते थे। इसके बाद बीमा कंपनियों से रुपये ऐंठ लेते थे। इसमें डॉक्टरों से लेकर पुलिसवाले मदद करते थे। गिरोह का सरगना वकील है।

गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। कैंसर मरीजों की मौत को सड़क हादसा दिखाने के बाद गिरोह पीजीआइ रोहतक से इलाज के रिकॉर्ड की फाइल भी गायब करवा देता था। सरगना पवन भौरिया सोनीपत के गांव सेवली का रहने वाला है और वकील है।

वहीं आरोपित मोहित गांव रिंढाना और विकास गुमाना गांव का है। पूरा खेल पुलिसकर्मियों व सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के साथ मिलकर चल रहा था। आठ मामलों की सूची एसटीएफ के पास है, जिनमें फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की गई। वही करीब 100 मामलों में गिरोह की संलिप्तता की आशंका जताई है।

इस तरह चलता था गिरोह का नेटवर्क

गिरोह के सदस्य पीजीआइ रोहतक से कैंसर मरीजों का डाटा निकालने के साथ-साथ आसपास के गांवों में भी मरीज तलाशते थे। इसके बाद कैंसर पीड़ित के परिजनों से संपर्क कर बीमा के रुपये दिलाने का लालच देते थे। फिर मरीज की बीमारी छिपाकर कई कंपनियों में बीमा करवाते थे। बीमा क्लेम के रुपये का लालच देकर गिरोह के सदस्य परिजनों की हामी ले लेते थे कि कैंसर से मरीज की मौत होने के बाद उसे सड़क हादसा दिखाया जाएगा। इसके लिए वे शव को कहीं ले जाकर उसे गाड़ी से कुचल देते थे और संबंधित थाना में सड़क दुर्घटना की रिपोर्ट दर्ज करवा देते। बाद में डॉक्टरों से मिलीभगत कर पोस्टमार्टम में दुर्घटना से मौत की रिपोर्ट तैयार करवाते थे और फिर बीमा कंपनियों से उसका क्लेम लेते थे।

राहुल देव (डीएसपी, एसटीएफ सोनीपत) ने बताया कि बार-बार एक ही तरीके के मामले सामने आने पर एक बीमा कंपनी को शक हुआ। उसने जांच की और सूचना हमें दी। जांच में पता चला कि आरोपित कैंसर पीड़ितों की मौत को सड़क हादसा दिखा कर करीब एक दर्जन बीमा कंपनियों से ठगी की है। मामले की जांच जारी है।

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