World Rhinoceros Day 2020: लगातार पिछले 15 साल से अपने ‘अयोध्या’ की राह ताक रही महेश्वरी

World Rhinoceros Day 2020 राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के चिड़ियाघर में मौजूद मादा गैंडा महेश्वरी पिछले 15 साल से लगातार अपने साथी नर गैंडा अयोध्या का इंतजार कर रही है क्योंकि अयोध्या का पटना (बिहार) भेज दिया गया था।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 22 Sep 2020 09:46 AM (IST) Updated:Tue, 22 Sep 2020 09:46 AM (IST)
World Rhinoceros Day 2020: लगातार पिछले 15 साल से अपने ‘अयोध्या’ की राह ताक रही महेश्वरी
दिल्ली के चिड़ियाघर में मौजूद मादा गैंडा महेश्वरी।

नई दिल्ली [राहुल सिंह]। World Rhinoceros Day 2020:  भारत समेत पूरी दुनिया में मंगलवार को विश्व गैंडा दिवस मनाया जा रहा है। ऐसे में दिल्ली के चिड़ियाघर में मौजूद मादा गैंडा महेश्वरी पिछले 15 साल से अपने साथी नर गैंडा अयोध्या का इंतजार कर रही है। वर्ष 2005 में दिल्ली के चिड़ियाघर से अयोध्या को पटना के चिड़ियाघर भेज दिया गया था, जिसके बाद वह वहीं रह रहा है। दिल्ली चिड़ियाघर के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 1992 में अयोध्या का जन्म हुआ था। इसके बाद वर्ष 1997 में दिल्ली के चिड़ियाघर में महेश्वरी नाम की मादा गैंडा भी पैदा हुई थी। इसके बाद से दोनों एक साथ एक ही बाड़े में रहने लगे। दोनों ने वर्ष 2005 में एक मादा गैंडा को जन्म दिया, जिसका नाम अंजूआ रखा गया। इसके बाद अयोध्या को पटना भेज दिया गया। हालांकि उसके बदले दिल्ली चिड़ियाघर को एक दूसरा नर गैंडा मिला था, लेकिन उसकी वर्ष 2014 में मृत्यु हो गई।

बताया जा रहा है कि अयोध्या और महेश्वरी साथ-साथ रहते हैं। ऐसे में उसके जाने के बाद से महेश्वरी उसकी जैसे अभी भी रात ताक रही हो। उधर, अयोध्या की वजह से पटना का चिड़ियाघर पूरी तरह से गुलजार है। अयोध्या कुल 15 गैंडों का पिता है। एक संतान दिल्ली में है, बाकी सभी पटना में हैं। तेजी से कम हो रही गैंडों की संख्या को बढ़ाने में अयोध्या ने विशेष योगदान दिया है, जिसके कारण पटना देश का इकलौता ऐसा चिड़ियाघर बन गया, जहां गैंडों की संख्या सर्वाधिक है।

2014 के बाद से दिल्ली के चिड़ियाघर में नहीं है कोई नर गैंडा

अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2014 के बाद से दिल्ली के चिड़ियाघर में नर गैंडा मौजूद नहीं रहा, जिसके कारण दिल्ली में किसी गैंडे का जन्म नहीं हो सका है। हालांकि इन दिनों पटना चिड़ियाघर से एक नर गैंडा मंगाने की कवायद की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि पटना के चिड़ियाघर के अधिकारी अयोध्या को वापस दिल्ली भेजना चाह रहे हैं, लेकिन अब अयोध्या के बूढ़े होने पर दिल्ली चिड़ियाघर के अधिकारी उसे वापस नहीं लेना चाहते हैं।

गैंडे का नाम इसलिए पड़ा अयोध्या

अधिकारियों ने बताया कि छह दिसंबर 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस किया गया था। इसके अगले दिन ही चिड़ियाघर में एक नर गैंडा पैदा हुआ था, जिसका उस समय मौजूद रहे अधिकारियों ने नाम अयोध्या रख दिया था। उधर, अधिकारियों का कहना है कि भारत में एक सींग वाला गैंडा अधिक संख्या में पाया जाता है। भारत में इन दिनों करीब दो हजार गैंडे हैं, जो जंगलों और चिड़ियाघरों में रहते हैं। अयोध्या भी एक सींग वाला गैंडा ही है।

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