जानिए दिल्ली-एनसीआर के लोग कब देख पाएंगे दिल्ली विधानसभा में मिली सुरंग का नजारा, चल रही तैयारी

विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने बताया कि दिल्ली विधानसभा परिसर में डाक्टरों नर्सों पैरामेडिकल स्टाफ शिक्षकों व सफाई कर्मियों आदि कोरोना योद्धाओं के सम्मान में स्मारक का निर्माण किया जाएगा ताकि महामारी के दौरान उनके सर्वोच्च बलिदान और उल्लेखनीय कार्यों को याद किया जा सके।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 02:29 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 02:29 PM (IST)
जानिए दिल्ली-एनसीआर के लोग कब देख पाएंगे दिल्ली विधानसभा में मिली सुरंग का नजारा, चल रही तैयारी
स्मारक का अनावरण अगले साल 26 जनवरी को होने की संभावना है।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के कोरोना योद्धाओं का स्मारक बनाने की फैसला किया गया है। दिल्ली विधानसभा परिसर में डाक्टरों, नर्सों पैरामेडिकल स्टाफ, शिक्षकों व सफाई कर्मियों आदि कोरोना योद्धाओं के सम्मान में स्मारक का निर्माण किया जाएगा ताकि महामारी के दौरान उनके सर्वोच्च बलिदान और उल्लेखनीय कार्यों को याद किया जा सके। विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने इसकी जानकारी दी है।

उन्होंने कहा कि स्मारक का अनावरण अगले साल 26 जनवरी को होने की संभावना है। ड्यूटी के दौरान कोविड-19 के कारण कई डाक्टरों, नर्सों, सफाई कर्मचारियों और अन्य लोगों की मौत हो गई थी। गोयल ने कहा कि उन्होंने महामारी के माध्यम से मानव जाति को बचाने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है इसलिए उनके सम्मान में हम दिल्ली विधानसभा में कोरोना योद्धाओं के स्मारक का निर्माण करेंगे। उनके कर्तव्य और सर्वोच्च बलिदान के बारे में जानकारी देना वाला एक शिलालेख लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिलालेख में कोरोना योद्धाओं से संबंधित प्रतीकों जैसे इंजेक्शन, रक्तचाप की जांच करने के लिए मशीन, इंजेक्शन, किताबें, झाडू आदि को उकेरा जाएगा। यह स्मारक विट्ठलभाई पटेल की प्रतिमा के पीछे बनाया जाएगा।

पर्यटन स्थल के रूप में विकसित दिल्ली विधानसभा

अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली विधानसभा को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा जहां लोग स्वतंत्रता सेनानियों, सदन और शहर के इतिहास को दर्शाने वाली 25 मिनट की फिल्म भी देख सकेंगे। गोयल ने कहा कि राजघाट पर गांधी दर्शन की तर्ज पर स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को डिजिटल रूप से प्रदर्शित करने जैसी अन्य पर्यटन गतिविधियों को भी विकसित किया जाएगा। उन्होने बताया कि हम देश, शहर, गांधी, भगत सिंह आदि जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को दर्शाने वाली डिजिटल टेबल युक्त एक हाल का निर्माण कर रहे हैं। ये सभी डिजिटल टेबल टचस्क्रीन वाले होंगे।

ब्रिटिशकालीन फांसी घर का भी होगा उद्घाटन

गोयल ने कहा कि 26 जनवरी तक दिल्ली विधानसभा में स्थित एक सुरंग को भी जनता के देखने के लिए खोल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश काल के फांसी घर का लगभग 70 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और इसे भी 26 जनवरी तक खोले जाने की उम्मीद है। आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा को 1911 में बनाया गया था। 1912 में देश की राजधानी कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित करने के बाद केंद्रीय विधानसभा के रूप में इसका इस्तेमाल शुरू किया गया था।

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