Monsoon Rain 2021: जानिये- दिल्ली में कब आएगा मानसून, UP-पंजाब और हरियाणा में इस साल देर तक होगी बारिश
Monsoon Rain 2021 दिल्ली में मानसून का समय 27 जून है। यह हरियाणा के कुछ हिस्सों और पंजाब में भी उपस्थिति दर्ज करा सकता है। वेस्ट यूपी में इसकी धमक दिल्ली से थोड़ा पहले ही हो जाती है जबकि उत्तरी राजस्थान में जुलाई के पहले सप्ताह तक आ जाता है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दक्षिणी पश्चिमी भारत में तो इस बार मानसून सामान्य रहेगा ही, दिल्ली सहित समीपवर्ती राज्यों में भी देर तक झुमाएगा। दस्तक अपने नियत समय पर देगा, लेकिन विदा होगा विलंब से। मतलब, इस दौरान जल संरक्षण के भी अधिक अवसर मिलेंगे और पौधारोपण अभियान भी विस्तार पा सकेगा। ऐसा लगता है मानो प्रकृति भी जागरण के जल संरक्षण अभियान ''सहेज लो हर बूंद'' के समर्थन में सहयोग करने को आतुर है। दिल्ली में मानसून की दस्तक का समय 27 जून है। इसी के साथ साथ यह हरियाणा के कुछ हिस्सों और पंजाब में भी उपस्थिति दर्ज करा देता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसकी धमक दिल्ली से थोड़ा पहले ही हो जाती है जबकि उत्तरी राजस्थान में यह जुलाई के पहले सप्ताह तक आ जाता है।
स्काईमेट वेदर के माइक्रो विश्लेषण के अनुसार इस बार उक्त सभी जगहों पर मानसून का आगमन तो लगभग अपने तय समय पर ही होगा, लेकिन विदाई लंबी खिंचेगी। आमतौर पर बारिश जून से सितंबर तक होती है मगर इस बार अक्टूबर तक चलेगी। पूर्वानुमान है कि शुरुआती दौर में मानसून की बारिश थोड़ी हल्की होगी, लेकिन अगस्त- सितंबर में अपेक्षाकृत अच्छी रहेगी। अक्टूबर में मानसून की विदाई होने तक भी मेघ अपने वजूद का एहसास कराते रहेंगे।
विश्लेषण के मुताबिक ला नीनो अभी सक्रिय है, जून यह जुलाई में तटस्थ हो जाएगा जबकि अगस्त सितंबर में फिर से मानसून को गति देगा। यह भी सामने आ रहा है कि उक्त राज्यों में कुल मिलाकर बारिश 10 से 15 फीसद कम रह ासकती है, लेकिन बरसने की अवधि चूंकि लंबी रहेगी और कभी हल्के तो कभी जमकर मेघ बरसते रहेंगे तो जल संरक्षण और हरियाली के विस्तार में भी ये कहीं अधिक सहायक होंगे।
महेश पलावत (मुख्य मौसम विज्ञानी, स्काईमेट वेदर) का कहना है कि दिल्ली और समीपवर्ती राज्यों में इस बार अच्छी बारिश रहेगी। बरसने का समय लंबा होने से भूजल स्तर भी बढ़ेगा और हरित क्षेत्र के लिए भी यह जल संजीवनी बनेगा।
डॉ. जेपीएस डबास (प्रधान कृषि विज्ञानी, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान) का कहना है कि अच्छी फसल के लिए बारिश की हल्की फुहारें भी वरदान से कम नहीं होती। सामान्य मानसून के बीच अगर इसकी अवधि थोड़ी लंबी होती है तो यह किसानों के लिए फायदेमंद है। भले ही बारिश तेज हो या हल्की। उम्मीद की जा सकती है कि इस बार का मानसून खेतीबाड़ी के लिए अच्छा रहेगा।