जानिए कोरोना को मात दे चुके लोगों को अब किस समस्या का करना पड़ रहा सामना

कोरोना संक्रमण ने अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित किया है। संक्रमण को मात दे चुके लोगों की सोचने बात करने याद रखने और ध्यान करने की क्षमता प्रभावित हुई है। चिकित्सकों के मुताबिक ये ब्रेन फाग यानि दिमाग का धुंधला होने के लक्षण है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 12:17 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 12:23 PM (IST)
जानिए कोरोना को मात दे चुके लोगों को अब किस समस्या का करना पड़ रहा सामना
जिन लोगों को कोरोना वायरस हो चुका है अब उनको नई तरह की बीमारी का सामना करना पड़ रहा है।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। कोरोना संक्रमण ने अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित किया है। संक्रमण को मात दे चुके लोगों की सोचने, बात करने, याद रखने और ध्यान करने की क्षमता प्रभावित हुई है। चिकित्सकों के मुताबिक ये ब्रेन फाग यानि दिमाग का धुंधला होने के लक्षण है। ऐसे लोग जिन्हें जीवन में कभी स्ट्रोक आ चुका है या जिसे दिमागी रूप से जुड़ी कोई बीमारी है ऐसे लोगों के लिए ब्रेन फाग बड़ा खतरा है। 

द्वारका सेक्टर-3 स्थित आकाश हेल्थकेयर सेंटर के न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ विशेष डा. मधुरकर भारद्वाज ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण फेफड़े ही नहीं बल्कि शरीर के अन्य दूसरे अंग भी प्रभावित हुए है। दुनियाभर में की गई स्टडी में पता चला है कि एक तिहाई कोविड के मरीज अब न्यूरोलाजी से जुड़ी विभिन्न तरह की समस्या से जूझ रहे है।

बीते दिनों अस्पताल में ऐसे 30 मरीज सामने आए है, जिनमें न्यूरोलाजी से जुड़ी विभिन्न तरह की समस्या दर्ज की गई है। ब्रेन फॉग को लेकर विशेषज्ञों का अलग-अलग मत है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस न्यूरोइनवेसिव होता है और ये दिमाग और उसके आसपास की नसों पर हमला कर सकता है, जबकि कुछ अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस के लंबे समय तक इंफ्लेमेटरी रिस्पांस के कारण ऐसा होता हैं।

सामान्य तौर पर इससे प्रभावित लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते है। पर एक तिहाई लोगों को इससे उबरने के लिए थेरेपी की जरूरत होती है और सुधार में भी समय लगता है। कसरत, ध्यान, दिमागी खेल, अधिक से अधिक पानी के सेवन आदि की मदद से लोग कोविड संक्रमण के बाद ब्रेन फाग से उबर सकते है। शराब व ड्रग्स के सेवन, नींद की कमी व मानसिक रूप से थकावट ब्रेन फाग की समस्या के प्रमुख कारण है। 

इससे पहले भी कई तरह की रिसर्च की गई जिसमें कई और तरह की कमजोरियों व अन्य की बात भी सामने आ चुकी है। आमतौर पर कोरोना हो जाने वाले मरीजों को सांस लेने में तकलीफ और कुछ अन्य गंभीर बीमारियों की शिकायत बनी रहती है। 

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