जानिए विकास मार्ग को जाम मुक्त और सुंदर बनाने की योजना के लेआउट प्लान में क्या किया गया नया परिवर्तन?
योजना में बदलाव कर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने नया लेआउट तैयार किया है। पुरानी योजना के तहत लक्ष्मी नगर से कड़कड़ी मोड़ तक साइकिल ट्रैक बनना था। नए लेआउट में साइकिल ट्रैक की जगह हरित पट्टी को करीब तीन मीटर बढ़ाया गया है।
नई दिल्ली [पुष्पेंद्र कुमार]। जाम से मुक्ति दिलाने के लिए लोक निर्माण विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। विकास मार्ग को जाम मुक्त और सुंदर बनाने की योजना में बदलाव कर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने नया लेआउट तैयार किया है। पुरानी योजना के तहत लक्ष्मी नगर से कड़कड़ी मोड़ तक साइकिल ट्रैक बनना था। नए लेआउट में साइकिल ट्रैक की जगह हरित पट्टी को करीब तीन मीटर बढ़ाया गया है। इसमें विभिन्न तरह के पौधे लगाए जाएंगे, जो मार्ग को सुंदर बनाने के साथ प्रदूषण की समस्या से निपटने में सहयोग करेंगे। इस मार्ग पर प्रीत विहार से स्वास्थ्य विहार तक सुंदरीकरण कार्य को भी जल्द शुरू किया जाएगा।
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2015 में विकास मार्ग के सुंदरीकरण की योजना का खाका खींचा गया था। दिसंबर 2019 में इस योजना को मंजूरी मिली थी। उस समय लेआउट में 2.2 मीटर चौड़ा साइकिल ट्रैक और 0.75 मीटर चौड़ी हरित पट्टी प्रस्तावित की गई थी। हाल में योजना में संशोधन कर नया लेआउट तैयार किया गया है। अब साइकिल ट्रैक न बना कर उसकी जगह हरित पट्टी को करीब तीन मीटर बढ़ाने का निर्णय हुआ है।
हरित पट्टी चौड़ी होने से मिलेगा लाभ
अधिकारियों ने बताया कि हरित पट्टी चौड़ी होने पर उसमें कई तरह के पौधे लगाए जा सकेंगे। इससे मार्ग के सुंदरीकरण के साथ प्रदूषण की समस्या से निपटना आसान होगा।
दुकानों के आगे नहीं लगेगा जाम
मार्ग के दोनों तरफ वाहन पार्किंग स्लाट भी तैयार कराए जाने हैं। इससे दुकानदार और ग्राहकों को लाभ मिलेगा। दुकानों के आगे जाम लगने की समस्या खत्म हो जाएगी। ग्राहकों को अपना वाहन खड़ा करने की उचित जगह मिलेगी। इससे विकास मार्ग किनारे दुकान चलाने वाले दुकानदारों का व्यवसाय रफ्तार पकड़ेगा।
रोशनी के साथ बैठने का होगा इंतजाम
इस योजना के तहत नालों के ऊपर फुटपाथ तैयार कराया जा रहा है। इसके अलावा कुछ जगहों पर लोगों के बैठने के लिए बेंच भी लगेंगी। रोशनी का भी बेहतर इंतजाम होगा। इसी के साथ दोनों मुख्य सड़क के बीच डिवाइडर की रेलिंग हटाकर वहां भी हरित क्षेत्र विकसित किया जाएगा।