Dhanteras Festival 2020: जानिये- किस दिन मनेगा धनतेरस त्योहार, यहां पढ़िये- शुभ मुहूर्त व पूजा का समय

Dhanteras Festival 2020 आचार्य राकेश शास्त्री का कहना है कि सुबह उठकर स्नान आदि के बाद नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर भगवान धनवंतरी का ध्यान पूजन आदि करें। धूप दीप पुष्प नैवैद्य से भगवान की पूजा करें। खीर का भोग लगाएं।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 11 Nov 2020 08:42 AM (IST) Updated:Wed, 11 Nov 2020 08:55 AM (IST)
Dhanteras Festival 2020: जानिये- किस दिन मनेगा धनतेरस त्योहार, यहां पढ़िये- शुभ मुहूर्त व पूजा का समय
धनतेरस और छोटी दिवाली शुक्रवार को एक ही दिन मनाई जाएगी।

नई दिल्ली/गाजियाबाद [दीपा शर्मा]। Dhanteras Festival 2020:  इस साल धनतेरस और छोटी दिवाली शुक्रवार को एक ही दिन मनाई जाएगी। इस दिन भगवान धनवंतरी जयंती भी होने के कारण अच्छे स्वास्थ्य की कामना से इस दिन उनका पूजन और हवन करना काफी लाभदायक होता है। यदि किसी विशेष दवाई को इस दिन शुरू करना हो तो काफी शुभ माना गया है। इसके अलावा इस दिन सोने चांदी के आभूषण, चांदी का सिक्का, लक्ष्मी गणेश जी की मूर्ति, बर्तन, वस्त्र, गिफ्ट आइटम आदि खरीदना बहुत ही उत्तम रहता है।

पूजन विधि व मंत्र

आचार्य राकेश शास्त्री का कहना है कि सुबह उठकर स्नान आदि के बाद नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर भगवान धनवंतरी का ध्यान, पूजन आदि करें। धूप, दीप, पुष्प, नैवैद्य से भगवान की पूजा करें। खीर का भोग लगाएं। भगवान धनवंतरी से प्रार्थना करें की परिवार पर कृपा बनाए रखें।

धन्वंतरी पूजन व धनतेरस पूजन मुहूर्त

आचार्य शिव कुमार शर्मा ने बताया कि सुबह 6 बजकर 58 मिनट से 9 बजकर 16 मिनट तक वृश्चिक लग्न जो पूजन के लिए उत्तम है। दोपहर 13 बजकर दो मिनट से 14 बजकर 30 मिनट तक कुंभ लग्न रहेगा। दोनों की मुहूर्त में भगवान धनवंतरी महाराज का पूजन सर्वश्रेष्ठ और आरोग्य वर्धक रहेगा। इसके अलावा आभूषण, वस्त्र और वर्तन आदि खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त शाम 17 बजकर 31 मिनट से 19 बजकर 27 मिनट तक वृषभ लग्न श्रेष्ठ है। इसके बाद रात्रि 20 बजकर 45 मिनट से 22 बजकर 25 मिनट तक लाभ के चौघड़िया। 

रूप चतुर्दर्शी पूजन

पंडिय आचार्य शिव कुमार शर्मा ने बताया कि इस साल धनतेरस के दिन ही प्रदोष काल में चतुर्दशी तिथि आ रही है। इसलिए रूप चतुर्दशी, हनुमान पूजन, यमदीप दान इसी दिन होगा। एेसी मान्यता है कि रूप चतुर्दशी का सुबह उबटन लेपन के बाद स्नान करने से व्यक्ति के रूप में निखार आता है। अनिष्ट के विनाश और लंबी आयु के लिए तेल के चार मुखी दीपक को जलाकर पूरे घर में घुमाकर किसी चौराहे पर या अन्य सुनसान स्थान पर रखने की भी परंपरा है।

यह भी जानिये- धनतेरस के दिन खरीदारी करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है।  इसी के साथ एक मान्यता यह भी है कि धनतेरस के दिन किया गया निवेश भविष्य में फायदेमंद साबित होता है। कहा जाता है कि समुद्र मंथन में निकले 14 रत्नों में से एक धन्वंतरी का भी दिन है। धनतेरस स्वास्थ्य, संतान, एवम् समृद्धि का भी प्रतीक पर्व है। 

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