Remdesivir Drug: जिस दवा के लिए देश भर में मचा है हाहाकार, उसके साइड इफेक्ट भी जान लीजिए

Remdesivir Drug दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टरों का कहना है कि पहले तो यह समझने की जरूरत है कि रेमडेसिवीर दवा (Remdesivir Drug) कोरोना के इलाज में राम बाण नहीं है। इसके अलावा इस्तेमाल के साइडइफेक्ट भी हैं।

By Jp YadavEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 10:31 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 10:31 AM (IST)
Remdesivir Drug: जिस दवा के लिए देश भर में मचा है हाहाकार, उसके साइड इफेक्ट भी जान लीजिए
दवा से किडनी पर असर पड़ सकता है। लिवर में एंजाइम व हृदय गति बढ़ने की समस्या हो सकती है।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। कोरोना के इलाज के लिए रेडमेसिवीर की मांग बढ़ गई है। इंटरनेट मीडिया से लेकर हर वाट्सएप ग्रुप में लोग रेमडेसिवीर इंजेक्शन की लोग गुहार लगाते दिख रहे हैं। इस वजह से इसकी कालाबाजारी भी बढ़ गई है। वहीं, इसको लेकर दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर कहते हैं कि पहले तो यह समझने की जरूरत है कि रेमडेसिवीर कोरोना के इलाज में राम बाण नहीं है, इसलिए इस दवा का इस्तेमाल जीवन रक्षक दवा के रूप में नहीं होनी चाहिए। इस दवा के बगैर भी कोरोना के मरीजों की जान बचाई जा सकती है।

एम्स के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल ने कहा कि रेमडेसिवीर दवा का इलाज में भूमिका अभी तक विवादास्पद है। अभी तक हुए सभी ट्रायल में यही बात सामने आई है कि कोरोना से मौत को कम करने में यह दवा ज्यादा फायदेमंद नहीं है। दवा असरदार तब कही जाती है जब उसके इस्तेमाल से मौतें कम हों। अधिक से अधिक इसका फायदा वायरल लोड को कम करने में हो सकता है।

वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी अपने ट्रायल में यह कहा है कि इस दवा की खास भूमिका नहीं है। मरीजों का एक वर्ग जिनमें ऑक्सीजन स्तर 94 से कम होने लगे तो शुरुआत में कुछ खास लोगों में यह इंजेक्शन देने से अस्पताल में भर्ती रहने का समय कम कर सकता है। कुल मिलाकर प्रयोगात्मक दवा के रूप में ही इस्तेमाल करना चाहिए। यह सोचना कि रेमडेसिवीर के बगैर मरीज की जान नहीं बच सकती यह गलत है, इसलिए सभी मरीजों में इस इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

डॉक्टरों का कहना है कि करीब दो-तीन फीसद मरीज को ही इस इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है, इसलिए लोगों को रेमडेसिवीर के पीछे नहीं भागना चाहिए। अमेरिका में एफडीए (फूड एंड ड्रग एड्रमिनिस्ट्रेशन) ने भी अस्पतालों में भर्ती उन मरीजों के इलाज में ही इस्तेमाल करने की मंजूरी दी है जिनका आक्सीजन लेवल कम हो गया या जो आक्सीजन थेरेपी पर हों।

गंभीर दुष्प्रभाव का भी है खतरा

रेमडेसिवीर इंजेक्शन के कई गंभीर दुष्प्रभाव भी हैं। इस दवा के चलते किडनी पर असर पड़ सकता है। लिवर में भी एंजाइम व हृदय गति बढ़ने की समस्या हो सकती है, इसलिए बहुत सोच समझकर मरीजों को यह दवा देनी चाहिए। जो लोग डाक्टर पर यह दवा लिखने का दबाव डालते हैं वह भी उचित नहीं है।

बहुत संभलकर इसका इस्तेमाल करने की जरूरत

आकाश सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के पल्मोनरी मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ. अक्षय बुद्धिराजा ने कहा कि इंटरनेट मीडिया या न्यूज में देखकर लोगों को लगता है कि कोरोना से बचने के लिए यही एक दवा है। इसलिए मरीजों के तीमारदार रेमडिसिवीर लिखने का दबाव बनाने लगे हैं। हल्के संक्रमण वाले मरीजों को भी यह दवाएं लेने की सलाह दी जा रही है। कुछ दिन पहले इस दवा की ज्यादा दिक्कत थी। अब मिलने लगी है लेकिन बहुत संभलकर इसका इस्तेमाल करने की जरूरत है। 

chat bot
आपका साथी