दिल्ली-मेरठ के बीच हाइ स्पीड सफर के लिए जानिए किस आधार पर होगी टिकटिंग प्रक्रिया

दिल्ली-मेरठ के बीच हाइ स्पीड सफर के लिए तैयार किए जा रहे रैपिड रेल कोरिडोर में अत्याधुनिक आटोमैटिक किराया संग्रहण (एएफसी) सिस्टम का ‌इस्तेमाल किया जाएगा। इस सिस्टम की मदद से स्टेशन में आना-जाना आसान होगा।प्रशासन के अनुसार यात्री के पास क्यूआर कोड टिकट का उपयोग करने का विकल्प होगा।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 07:25 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 07:25 PM (IST)
दिल्ली-मेरठ के बीच हाइ स्पीड सफर के लिए जानिए किस आधार पर होगी टिकटिंग प्रक्रिया
नेशनल कामन मोबिलिटी कार्ड आधारित होगी सारी प्रक्रिया, एनसीआर परिवहन निगम ने निकाला टेंडर।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली-मेरठ के बीच हाइ स्पीड सफर के लिए तैयार किए जा रहे रैपिड रेल कोरिडोर में अत्याधुनिक आटोमैटिक किराया संग्रहण (एएफसी) सिस्टम का ‌इस्तेमाल किया जाएगा। इस सिस्टम की मदद से स्टेशन में आना-जाना आसान हो जाएगा। एनसीआर परिवहन निगम क्यूआर कोड आधारित टिकटिंग (डिजिटल और पेपर क्यूआर) और ईएमवी (यूरो पे, मास्टर कार्ड, वीजा) ओपन लूप कान्टैक्टलेस कार्ड का भी उपयोग करेगा जो एनसीएमसी (नेशनल कामन मोबिलिटी कार्ड) मानकों पर आधारित है।

प्रशासन के अनुसार यात्री के पास क्यूआर कोड टिकट का उपयोग करने का विकल्प होगा। एनसीआरटीसी मोबाइल एप या वेबसाइट की मदद से डिजिटल रूप में जेनरेट किया जा सकेगा। वहीं पेपर क्यूआर टिकट दो स्टेशनों के बीच यात्रा करने के लिए, टिकट वेंडिंग मशीन और टिकट कार्यालय मशीनों से खरीदे जा सकेंगे।

होगा मेक इन इंडिया पर आधारित

मेक इन इंडिया के तहत विकसित किए जा रहे एएफसी सिस्टम देश में अपनी तरह का पहला सिस्टम होगा। यह हाइब्रिड एन्युटी माडल’ (एचएएम) पर आधारित है। एनसीआरटीसी एएफसी मीडिया वेलिडेशन को दो स्तरों पर लागू करने वाला पहला ट्रांसिट सिस्टम होगा जिसमे पहला वेलिडेशन या सत्यापन कानकोर्स स्तर पर और दूसरा सत्यापन प्लेटफार्म स्तर पर होगा। एग्जीक्यूटिव लाउंज के जरिये आरआरटीएस के बिजनेस क्लास कोच में चढ़ने के लिए प्लेटफॉर्म स्तर पर भी एएफसी गेट उपलब्ध कराए जाएंगे।

मोबाइल से भी कर सकेंगे सफर

एनसीआरटीसी का मोबाइल एप यात्रियों के लिए डिजिटल क्यूआर टिकट, कार्ड रिचार्ज और अन्य सुविधाओं के बुकिंग की सुविधा प्रदान करेगा। आरआरटीएस बनाने का मुख्य उद्देश्य ही सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए अधिक से अधिक लोगों को आकर्षित करना है जिससे जीवाश्म ईंधन आधारित परिवहन पर निर्भरता कम की जा सके।

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