Chandra Grahan 2020, Lunar Eclipse 2020: दिल्ली-NCR में नहीं दिखाई दिया चंद्र ग्रहण

Chandra Grahan 2020साल 2020 का तीसरा चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2020) रविवार को लगा। यह सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर शुरू होकर सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो गया।

By JP YadavEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 08:04 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 01:23 PM (IST)
Chandra Grahan 2020, Lunar Eclipse 2020: दिल्ली-NCR में नहीं दिखाई दिया चंद्र ग्रहण
Chandra Grahan 2020, Lunar Eclipse 2020: दिल्ली-NCR में नहीं दिखाई दिया चंद्र ग्रहण

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Chandra Grahan 2020: साल 2020 का तीसरा चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2020) रविवार को लगा। यह सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर शुरू होकर सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो गया। यह ग्रहण कुल मिलाकर तकरीबन दो घंटे 43 मिनट और 24 सेकेंड तक प्रभावी रहा। 

 दिल्ली-एनसीआर में नही दिखा

सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर शुरू हुआ चंद्र ग्रहण दिल्ली-एनसीआर समेत देश में कहीं भी नहीं दिखाई दिया।ज्योतिषियों के मुताबिक, चंद्र ग्रहण देश में सूर्य के उदय होने के बाद लगा। जाहिर है कि ऐसे में दिल्ली-एनसीआर समेत देश में कहीं भी नहीं दिखने के चलते ग्रहण में लगने वाला सूतक काल भी नहीं लगा। ऐसे में  लोग बिना किसी परेशानी के गुरु पूर्णिमा की पूजा किया। वहीं, यह ग्रहण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, पैसिफिक और अंटार्टिका में दिखाई दिया। 

यह भी जानें

पहला चंद्र ग्रहण इस साल जनवरी में लगा था। 1 जून को सूर्य ग्रहण लगा था और 5 जून को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण था, रविवार को लग रहा सूर्यग्रहण एक महीने के भीतर तीसरा ग्रहण है। इससे पहले लगने वाले चंद्र और सूर्य ग्रहण दोनों ही ग्रहण देश में भी नजर आए थे। रविवार सुबह लग रहा चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण होगा।  चंद्रग्रहण को टेलिस्कोप के जरिये देखा जा सकता है। आप चाहें तो चंद्रग्रहण को यूट्यूब पर चैनल CosmoSapiens, Slooh पर भी देखकर सकते हैं।

कब लगता है चंद्रग्रहण

चंद्रग्रहण उस अवस्था को कहते हैं जब सूर्य (Sun) और चंद्रमा (Moon) के बीच धरती आ जाती है, तो चंद्रमा इस दौरान सूर्य की रोशनी से वंचित हो जाता है। दरअसल, इसी ही वैज्ञानिक भाषा में चंद्रग्रहण कहा जाता है। यहां पर यह तथ्य भी जान लेना जरूरी है कि चंद्रग्रहण की स्थिति तब होती है, जब सूर्य, धरती और चंद्रमा एक सरल रेखा में होते हैं। इतना ही नहीं, चंद्रग्रहण की अवस्था हमेशा पूर्णिमा की रात में ही होती है। विज्ञान के मुताबिक, जब धरती, सूरज और चांद के बीच तो आती है लेकिन तीनों एक ही रेखा में नहीं होते हैं। ऐसी स्थिति में चांद की छोटी सी सतह पर अंब्र नहीं पड़ता है। बता दें कि धरती के बीच के हिस्से से पड़ने वाली छाया को अंब्र (Umbra) कहा जाता है। वहीं, चांद के बचे के हिस्सों पर धरती के बाहरी हिस्से की छाया पड़ती है, जिसे पिनंब्र (Penumbra) या उपछाया कहते हैं। ऐसे में उपछाया चंद्रग्रहण कहा जाता है।

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