जानिये- कौन है काजल, जो दिल्ली के सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राओं के लिए बनी माडल

Delhi Girl Kajal सरकारी स्कूल से पढ़ी काजल ने खुद का स्टार्टअप शुरू किया और कई लोगों को रोजगार से जोड़ा है। ऐसे में सरकार के छात्रों को नौकरी मांगने की जगह नौकरी देने वाला बनाने की मुहिम में मात्र 21 वर्ष की काजल की चर्चा हो रही है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Thu, 12 Aug 2021 10:42 AM (IST) Updated:Thu, 12 Aug 2021 10:42 AM (IST)
जानिये- कौन है काजल, जो दिल्ली के सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राओं के लिए बनी माडल
जानिये- कौन है काजल, जो दिल्ली के सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राओं के लिए बनी माडल

नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। Delhi Girl Kajal: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए काजल किसी रोल माडल की तरह हैं। पढ़ाई, खेल या किसी साहसिक कार्य के लिए नहीं, बल्कि उद्यमिता के लिए। सरकारी स्कूल से पढ़ी काजल ने खुद का स्टार्टअप शुरू किया और कई लोगों को रोजगार से जोड़ा है। ऐसे में सरकार के छात्रों को नौकरी मांगने की जगह नौकरी देने वाला बनाने की मुहिम में मात्र 21 वर्ष की काजल की चर्चा हो रही है। वह मुस्कराते हुए कहतीं हैं कि वह भी चाहतीं तो नौकरी कर रही होतीं, लेकिन उन्होंने चुनौती स्वीकार की और कुछ साल की संघर्षमय नौकरी को अलविदा कह कर खुद का स्टार्टअप शुरू किया, जिसका मुख्य काम विभिन्न जमी जमाई कंपनियों को एकाउंटिंग, आडिटिंग और वित्त से जुड़े मामलों में सलाह व सेवा देना है।

काजल ने 3 साल तक दीं निजी कंपनी को सेवाएं

काजल ने वर्ष 2017 में पूर्वी दिल्ली स्थित वसुंधरा एंक्लेव स्थित गवर्नमेंट ग‌र्ल्स सीनियर सेकेंड्री स्कूल से वाणिज्य संकाय से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है। इसके बाद उन्होंने एक संस्थान से एकाउंटिंग का प्रशिक्षण लिया और तीन साल एक निजी कंपनी में एकाउंट्स से जुड़ी सेवाएं दीं। इसके बाद उन्होंने खुद का स्टार्टअप शुरू करने का फैसला लिया। हालांकि, यह रास्ता कठिनाई और अनिश्चितता से भरा था। साधन भी सीमित थे। एक दोस्त को मिलाकर जमा पूंजी कुल 50 हजार रुपये ही थी, पर हिम्मत डिगी नहीं और पिछले वर्ष कंपनी अस्तित्व में आ गई।

एक साल में 50 लाख हुआ टर्नआवर

वर्तमान में उनकी कंपनी में 20 से अधिक युवा कार्यरत हैं तो देशभर की 300 से भी अधिक छोटी-बड़ी कंपनियों को उनकी कंपनी सेवाएं दे रही है। एक साल में ही सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये का हो गया है। दिल्ली सरकार ने वर्ष 2019 में उद्यमिता मानसिकता पाठ्यक्रम (ईएमसी) लागू किया, जिसके माध्यम से वह रोजगार से जुड़ी समस्याओं को खत्म करना चाहती हैं।

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक कार्यक्रम में कहा था कि सरकार की कोशिश छात्रों को नौकरी मांगने वाले की जगह नौकरी देने वाला बनाने की कोशिश है। देश का मौजूदा पाठ्यक्रम ऐसा है जिसमें हर बच्चा नौकरी की तरफ भागता है। ईएमसी के तहत छात्रों में उद्यमिता के गुर विकसित किए जा रहे हैं। इसके लिए प्रतिष्ठित उद्यमियों के साथ छात्रों का संवाद भी कराया जा रहा है। हाल ही में शिक्षा निदेशालय ने काजल की सफलता को सराहते हुए ट्वीट किया और छात्रों के लिए रोल माडल बताया है।

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