जानिये- देश के किस इलाके में फल और सब्जी के ठेले पर ढोया जा रहा सोना और चांदी

चांदनी चौक में वाहनों पर लगे प्रतिबंध के चलते थोक कारोबार को लेकर भी संकट बढ़ गया है। बताया जा रहा है कि चांदनी चौक मुख्य मार्ग से जुड़े अन्य संपर्क मार्गों पर बैरियर लगाए गए हैं। कई मार्गों पर तो सीमेंट के स्लैब रख दिए गए हैं।

By Jp YadavEdited By: Publish:Sat, 14 Aug 2021 09:44 AM (IST) Updated:Sat, 14 Aug 2021 09:44 AM (IST)
जानिये- देश के किस इलाके में फल और सब्जी के ठेले पर ढोया जा रहा सोना और चांदी
जानिये- देश के किस इलाके में फल और सब्जी के ठेले पर ढोया जा रहा सोना और चांदी

नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली के चांदनी चौक के कूचों, कटरों और अन्य बाजारों में वाहनों के साथ ही ठेलों व रिक्शों पर प्रतिबंध लगाने से यहां से जुड़े कारोबारियों और व्यापारियों को खासी दिक्कत आ रही है। वाहनों पर प्रतिबंध लगने के चलते सोना और चांदी को फल और सब्जी के ठेले पर ढोया जा रहा है। कारोबारियों का कहना है कि प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद सोना-चांदी से जुड़े कारोबारियों को खासी दिक्कत आ रही है। 

थोक कारोबार प्रभावित

वहीं, चांदनी चौक में वाहनों पर लगे प्रतिबंध के चलते थोक कारोबार को लेकर भी संकट बढ़ गया है। बताया जा रहा है कि चांदनी चौक मुख्य मार्ग से जुड़े अन्य संपर्क मार्गों पर बैरियर लगाए गए हैं। कई मार्गों पर तो सीमेंट के स्लैब रख दिए गए हैं। इससे उन मार्गों पर माल लदे ठेले नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में थोक कारोबार भी प्रभावित हो रहा है।

 गौरतलब है कि सौंदर्यीकरण के कार्यों के चलते दिल्ली की चांदनी चौक मेन रोड को पूरी तरह से गैर-मोटर चालित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। इसके बारे में दिल्ली सरकार का नोटिफिकेशन जारी है। दरअसल, लाल किले से फतेहपुरी मस्जिद तक जाने वाली लगभग 1.5 किमी लंबी सड़क पर सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक मोटर वाहनों को एंट्री नहीं हो रही है। इस दौरान केवल ज़रूरी वाहन जैसे एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड की गाड़ी, पुलिस आदि को ही अनुमति है। वहीं, सोना-चांदी से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि प्रशासन की ज्यादती के चलते हमें दिक्कत आ रही है। यही वजह है कि हमें सोना-चांदी भी सब्जी ठेले पर लाना पड़ा रहा है।

बता दें कि दिल्ली सरकार ने चांदनी चौक से लेकर फतेहपुरी मस्जिद तक के इलाके का पुनर्विकास और सौंदर्यीकरण कराया है। इसके बाद अब यह सड़क मुख्य रूप से पैदल चलने के लिए बन गई है। इसी कड़ी में वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है।

उधर, दिल्ली हिंदुस्तानी मर्केटाइल एसोसिएशन (डीएचएमए) के उपाध्यक्ष श्रीभगवान बंसल ने कहा कि चांदनी चौक के हजारों व्यापारियों के भविष्य को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी हो रही है। उन्होंने कहा कि 30 हजार से अधिक कपड़ा व्यापारियों के साथ ही चांदनी चौक में एक लाख से अधिक कारोबारी हैं। चांदनी चौक पुनर्विकास परियोजना में किए जा रहे इंतजामों से उनका भविष्य अधर में है।

चांदनी चौक की बड़ी पहचान कारोबारी हब के तौर पर है। यहां से देशभर से उत्पाद आते हैं और बिकने जाते हैं। यहां रोजाना 300 व्यावसायिक वाहन आते हैं और 500 से अधिक वाहन देश के 100 से अधिक स्थानों पर जाते हैं, लेकिन वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने से अब अन्य राज्यों से कारोबार पर प्रश्नचिन्ह लग गया है, क्योंकि भारी वजन वाली कपड़े की गांठें कोई कामगार पीठ पर लादकर उतनी दूर नहीं ले जा सकेगा।

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