20 महीने की गुड़िया बनी 5 लोगों की जान बचाने वाली सबसे कम उम्र की कैडेवर डोनर

अपनी जान गंवाने के बावजूद गुड़िया ने 5 लोगों को अपने अंग दे कर नया जीवन दिया है। धनिष्ठा का दिल लिवर दोनों किडनी एवं दोनों कॉर्निया सर गंगा राम अस्पताल ने 5 रोगियों में प्रत्यारोपित किया है।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 11:15 AM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 11:15 AM (IST)
20 महीने की गुड़िया बनी 5 लोगों की जान बचाने वाली सबसे कम उम्र की कैडेवर डोनर
गुड़िया ने 5 लोगों को अपने अंग दे कर नया जीवन दिया है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता।  बाहरी दिल्ली के रोहिणी इलाके में 20 महीने की बच्ची धनिष्ठा ने मौत के बाद भी समाज के लिए एक मिसाल कायम की है और सबसे कम उम्र की कैडेवर डोनर बन गई। अपनी जान गंवाने के बावजूद गुड़िया ने 5 लोगों को अपने अंग दे कर नया जीवन दिया है। धनिष्ठा का दिल, लिवर, दोनों किडनी एवं दोनों कॉर्निया सर गंगा राम अस्पताल ने 5 रोगियों में प्रत्यारोपित किया है। बता दें कि 8 जनवरी शाम को धनिष्ठा अपने घर की पहली मंजिल पर खेलते हुए नीचे गिर गई। उसे तुरंत उसे सर गंगा राम अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों के अथक प्रयास के बावजूद बच्ची को बचाया नहीं जा सका।

इसके बाद 11 जनवरी को डॉक्टरों ने बच्ची को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इस स्थिति में मस्तिष्क के अलावा उसके सारे अंग अच्छे से काम कर रहे थे। बच्ची धनिष्ठा के माता-पिता, श्री आशीष कुमार एवं श्रीमती बबिता ने अस्पताल अधिकारियों से अपनी बच्ची के अंग दान की इच्छा जाहिर की।

पिता आशीष कुमार के अनुसार हमने अस्पताल में रहते हुए कई ऐसे मरीज़ देखे जिन्हे अंगों की सख्त आवश्यकता है। हालांकि हम अपनी धनिष्ठा को खो चुके हैं लेकिन हमने सोचा की अंग दान से उसके अंग न ही सिर्फ मरीज़ों में जिंदा रहेंगे, बल्कि उनकी जान बचाने में भी मददगार सिद्ध होंगे।

वहीं, डॉ. डीएस राणा, चेयरमैन (बोर्ड ऑफ़ मैनेजमेंट), सर गंगा राम अस्पताल ने बताया कि परिवार का यह नेक कार्य वास्तव में प्रशंसनीय है और इसे दूसरों को प्रेरित करना चाहिए। 0.26 प्रति मिलियन की दर से, भारत में अंग दान की सबसे कम दर है। अंगों की कमी के कारण हर साल औसतन 5 लाख भारतीय मारे जाते हैं।  

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