जानिए राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर की मदद से अब तक साइबर ठगी से कितने रुपयों की कि जा सकी बचत
केंद्रीय गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर की ओर से इस हेल्पलाइन को इसी वर्ष एक अप्रैल को शुरू किया गया है। इस हेल्पलाइन नंबर को बैंकों वालेट समेत अन्य लगभग सभी आनलाइन पैसों के लेनदेन के डिजिटल माध्यमों से जोड़ा गया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। साइबर ठगी के शिकार लोगों के पैसे बचाने के लिए शुरू की गई राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 155260 से एक अप्रैल से लेकर अब तक दिल्ली वासियों के 5995 शिकायतों पर ढाई करोड़ रुपये बचाए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर की ओर से इस हेल्पलाइन को इसी वर्ष एक अप्रैल को शुरू किया गया है। इस हेल्पलाइन नंबर को बैंकों, वालेट समेत अन्य लगभग सभी आनलाइन पैसों के लेनदेन के डिजिटल माध्यमों से जोड़ा गया है।
दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि ठगी की शिकायत मिलते ही सबसे पहले संबंधित बैंक व वालेट (जिसमें ठगी का पैसा जा रहा है) को संदिग्ध लेनदेन का अलर्ट संदेश भेजा जाता है। इसके साथ ही जिस बैंक से पैसे भेजे जा रहे हैं उसे भी अलर्ट संदेश भेजा जाता है। इससे पैसों को ठगों के पास पहुंचने से पहले ही रोक दिया जाता है। वहीं, यदि पैसे ठगों के बैंक व वालेट में चले गए हैं तो उसे फ्रीज कर दिया जाता है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि यदि ठगी होने के बाद पीडि़त तुरंत शिकायत करता है तो उनकी रकम को ठगों के पास जाने से बचाने की संभावना अधिक होती है।
रोजाना 34 से अधिक मिली शिकायतें
पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक अप्रैल से लेकर अब तक लगभग छह हजार शिकायतें मिली हैं। ऐसे में औसतन रोजाना 34 शिकायतें मिली। हालांकि, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान शिकायतें अधिक मिल रही थीं। जिसमें अभी कमी आई है। उन्होंने बताया कि अब तक की शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए 24931984 रुपये ठगों के पास जाने से रोका गया है।