जानिए जैश-ए-मोहम्मद के मौलाना मसूद अजहर ने यति नरसिंहानंद की जान की कितनी लगाई थी कीमत

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा पकड़े गए जान मोहम्मद डार से आगे की पूछताछ के बाद ही पता चल पाएगा कि सिर्फ यति नरसिंहानंद ही उसके निशाने पर थे या फिर कई अन्य लोग। एक महंत को निशाना बनाने की साजिश क्यों की गई यह भी सवाल है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 04:31 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 04:31 PM (IST)
जानिए जैश-ए-मोहम्मद के मौलाना मसूद अजहर ने यति नरसिंहानंद की जान की कितनी लगाई थी कीमत
तफ्तीश में पता चला है कि जान मोहम्मद का रोल मॉडल जैश-ए-मोहम्मद संगठन का लीडर मौलाना मसूद अजहर है।

नई दिल्ली, [धनंजय मिश्रा]। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा पकड़े गए जान मोहम्मद डार से आगे की पूछताछ के बाद ही पता चल पाएगा कि सिर्फ यति नरसिंहानंद ही उसके निशाने पर थे या फिर कई अन्य लोग भी थे। लेकिन एक महंत को इस तरह से निशाना बनाने की साजिश क्यों की गई, यह सवाल भी बहुत बड़ा है। हालांकि शुरुआती तफ्तीश में पता चला है कि जान मोहम्मद का रोल मॉडल जैश-ए-मोहम्मद संगठन का लीडर मौलाना मसूद अजहर है। वह इंटरनेट मीडिया पर मौलाना मसूद अजहर को बेहद ध्यान से सुनता था और इसका इरादा जम्मू-कश्मीर को आजाद कराने और इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार विश्व भर में करने का था। स्पेशल सेल आरोपित से अभी विस्तृत रूप से पूछताछ कर रही है।

सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक जान ने पूछताछ में बताया कि पाकिस्तान बेस्ड आतंकी आबिद ने उस से कहा था कि वो जैश ए मोहम्मद से जुड़ा हुआ है और मुजाहिदीन है शुरुआती जांच में यह भी पता चला है कि जान मोहम्मद को इस हत्याकांड को अंजाम देने से पहले चार दिन की ट्रेनिंग भी दी गई थी। ताकि वह आसानी से साधु बनकर यति नरसिंहानंद तक अपनी पहुंच बना संके। और इस हत्याकांड को अंजाम देने से पहले किसी को उस पर शक न हो।

इस काम के हो जाने के बाद उसे 35 लाख रुपये मिलने वाले थे। जानकारी के अनुसार इस हत्या को अंजाम देने के एवज में जान मोहम्मद को इतने पैसे दिए जाने की बात तय हुई थी मगर पुलिस की सक्रियता की वजह से वो पकड़ा गया। वहीं, इस हत्याकांड को अंजाम देने के के बाद आरोपित ने अपने भागने का भी पूरा प्लान बनाया हुआ था। जिसके बाद मुताबिक, उसे इस हत्या को अंजाम देने के बाद किसी तरह वहां से निकलकर दोबारा से आबिद से संपर्क करना था और उसके बाद किसी तरह पाकिस्तान जाना था जहां उसकी मुलाकात जैश-ए-मोहम्मद संगठन के आतंकियों से होनी थी।

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