जितेंद्र मान उर्फ गोगी की इस चालाकी से सालों मात खाती रही हरियाणा और दिल्ली पुलिस

जितेंद्र मान की लोकेशन का पता न चले इसलिए वह मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता था। बदमाशों ने फर्जी नाम से अपने कई फेसबुक अकाउंट बनाए थे। उस पर वे समय-समय पर हथियार के साथ अपना फोटो पोस्ट करते थे ताकि विरोधी गिरोह को उनकी ताकत का पता चलता रहे।

By Jp YadavEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 11:52 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 11:52 AM (IST)
जितेंद्र मान उर्फ गोगी की इस चालाकी से सालों मात खाती रही हरियाणा और दिल्ली पुलिस
जितेंद्र मान उर्फ गोगी की इस चालाकी से सालों मात खाती रही हरियाणा और दिल्ली पुलिस

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने डेढ़ साल पहले दिल्ली व हरियाणा के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी व उसके तीन अन्य साथियों को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था। चारों गुरुग्राम के सेक्टर-82 स्थित एक अपार्टमेंट में छिपे हुए थे। जितेंद्र के साथ जिन तीन अन्य को गिरफ्तार किया गया था, उनमें कुलदीप मान उर्फ फज्जा, रोहित मोई और कपिल उर्फ गौरव शामिल थे। गिरफ्तारी से पहले गोगी करीब चार वर्षों से दिल्ली व हरियाणा पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्द बना हुआ था। गिरफ्तारी और पुलिस के पकड़ से बाहर रहने के लिए जितेंद्र मान उर्फ गोगी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करता है।

गोगी हरियाणवी गायिका हर्षिता दहिया व बसपा नेता वीरेंद्र मान की हत्या में वांछित था। गोगी समेत चारों अपराधियों पर हत्या, उगाही, गैंगवार, कार लूट आदि के 30 से ज्यादा मामले दर्ज थे। चारों पर दिल्ली और हरियाणा पुलिस की तरफ से कुल 10.30 लाख रुपये का इनाम था। अकेले गोगी पर दिल्ली पुलिस ने चार लाख और हरियाणा पुलिस ने ढाई लाख का इनाम रखा था। रंगदारी न देने व अन्य किसी कारण से गोगी गिरोह जब किसी को निशाना बनाता था तो उसे दर्जनों गोलियां मारकर मौत के घाट उतार देता था।

इंटरनेट मीडिया पर समर्पण का वीडियो किया था अपलोड

स्पेशल सेल की टीम ने जब फ्लैट को चारों तरफ से घेर कर माइक के जरिये गोगी व उसके साथियों को बाहर निकलकर समर्पण करने को कहा था, तब वे लोग पहले 30 मिनट तक फ्लैट से नहीं निकले। फ्लैट में कई खिड़कियां थीं, ऐसे में एहतियात बरतते हुए भागने के सभी संभावित स्थानों पर हथियार से लैस पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई थी। हर तरफ से खुद को घिरा पाकर चारों अपराधियों ने समर्पण कर दिया था। समर्पण से पहले गोगी ने इंटरनेट मीडिया पर अपने समर्पण का वीडियो भी अपलोड कर दिया था। चारों के पास से छह विदेशी पिस्टल, 70 कारतूस व कई लाख रुपये नकद मिले थे। पुलिस ने एक कार भी जब्त कर ली थी जो पश्चिम विहार से चुराई गई थी। गोगी दिल्ली के अलीपुर गांव का रहने वाला था। वह वालीबाल का नेशनल खिलाड़ी रहा था। छह बार नेशनल चैंपियन रहा। किसी समय उभरता हुआ सितारा, अपराध की दुनिया में चला गया था।

शातिर गोगी नहीं करता था मोबाइल का इस्तेमाल

पुलिस को उसकी लोकेशन का पता न चल सके इसके लिए वह मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता था। बदमाशों ने फर्जी नाम से अपने कई फेसबुक अकाउंट बना रखे थे। उस पर वे समय-समय पर हथियार के साथ अपना फोटो पोस्ट करते थे, ताकि विरोधी गिरोह को उनकी ताकत का पता चलता रहे। गोगी की गिनती दिल्ली के टाप-5 बदमाशों में थी। उसके जितना ही कुख्यात नीतू दाबोदिया को स्पेशल सेल दस साल पहले मुठभेड़ में मार चुकी है, जबकि गैंगस्टर नीरज बवानिया और सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया जेल में हैं। गोगी पिछले छह वर्षों से काफी सक्रिय था। गिरफ्तारी से पहले स्पेशल सेल ने उस पर मकोका भी लगा दिया था, ताकि लंबे समय तक वह जेल से नहीं निकल पाए।

गिरफ्तारी से पहले तीन महीने स्पेशल सेल ने रखी थी गोगी पर नजर

गोगी को गिरफ्तार करने के लिए स्पेशल सेल की टीम तीन महीने से उसके मूवमेंट पर तकनीकी सर्विलांस सहित अन्य माध्यम से नजर रख रही थी, तब जाकर दो मार्च 2020 को सेल को सफलता मिली थी। सेल को सूचना मिली थी कि गोगी साथियों के साथ गुरुग्राम के खेड़कीदौला टोल प्लाजा के पास आने वाला है। सेल की टीम वहां पहुंची तो पता चला था कि गोगी साथियों के साथ गुरुग्राम सेक्टर 82 में मैपस्को कासाबेला अपार्टमेंट में छिपा हुआ है। अपार्टमेंट के बी-4 ब्लाक के फ्लैट संख्या-201 में चारों छिपे थे। पुलिस को बदमाशों के पास भारी संख्या में हथियार और कारतूस होने की भी जानकारी थी। लिहाजा, सेल ने सतर्कता बरतते हुए आंतकी हमले की रोकथाम के लिए बनाई गई विशेष स्वाट टीम को भी मौके पर बुला लिया था।

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