Farmers Protest : भरोसा का कत्ल करने वाले किसान नेताओं की लिस्ट आई सामने, दोषी हुए तो होगी उम्रकैद
गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में उपद्रव कर पूरे देश को शर्मसार करने वाले उपद्रवियों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू हो गया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अब तक 25 एफआइआर दर्ज की है जिनमें 50 से अधिक किसान नेताओं को नामजद किया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में उपद्रव कर पूरे देश को शर्मसार करने वाले उपद्रवियों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू हो गया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अब तक 25 एफआइआर दर्ज की है, जिनमें 50 से अधिक किसान नेताओं को नामजद किया है। जांच में जैसे-जैसे अन्य किसान नेताओं व उपद्रवियों की संलिप्तता पाई जाएगी उनकी पहचान करने के बाद उन पर भी केस दर्ज किया जाएगा।
19 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है और 50 लोग हिरासत में लिए गए हैं। उनसे पूछताछ जारी है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक ये वे लोग हैं जो मंगलवार को ट्रैक्टर परेड में उपद्रव करने के दौरान जख्मी हो गए थे। इन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया था।
बुधवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त समेत पैरा मिलिट्री के डीजी स्तर के अधिकारियों की गृह मंत्रालय में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक हुई। बैठक में कार्रवाई की रूप रेखा को लेकर निर्णय लिए गए। बताया जा रहा है कि अभी 20-30 और एफआइआर दर्ज की जाएंगी। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक फिलहाल उपद्रवियों के खिलाफ 12 से अधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच के बाद आरोपितों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने व देशद्रोह जैसी धाराएं भी जोड़ सकती है।
उपद्रव के दौरान मंगलवार को दिल्ली के विभिन्न इलाकों में 394 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इन पुलिसकर्मियों का अलग-अलग अस्पतालों में उपचार चल रहा है। इनमें कुछ आइसीयू में भी भर्ती हैं। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों ने अभी एमएलसी (मेडिको लीगल केस) नहीं कराई है। एमएलसी कराने के बाद घायल पुलिसकर्मियों की संख्या और बढ़ेगी। उपद्रव के दौरान पुलिस के 428 बैरिकेड तोड़े गए। वहीं, आठ टायर गियर, पीसीआर व जिप्सी समेत पुलिस की तीस गाड़ियों, छह कंटेनरों, दो डोर मेटल डिटेक्टर को क्षति पहुंचाई गई है।
इन नेताओं पर दर्ज हुआ मुकदमा
किसानों की अगुआई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश सिंह टिकैत, वीएम सिंह, जगतार सिंह बाजवा, तेजिंदर सिंह, ऋषिपाल सिंह, हरपाल सिंह, विनोद कुमार, स्वराज इंडिया के संयोजक योगेंद्र यादव समेत दर्शनपाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, बलजीत सिंह राजेवाल, बूटा सिंह, राजेंद्र सिंह, जोगिंद्र उमराह, स्वर्ण सिंह पंधेर, समनाम पन्नू के अलावा भारतीय किसान यूनियन (तोमर) ग्रुप व बब्बन ग्रुप आदि अन्य संगठनों के कई किसान नेता शामिल हैं।
भरोसा तोड़ने वाले और किसान नेताओं पर भी दर्ज होगा केस
पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर परेड के लिए सशर्त इजाजत दी गई थी। किसान नेताओं ने लिखित में वादा किया था कि वे पुलिस द्वारा तय रूटों पर ही शांति पूर्ण तरीके से गणतंत्र दिवस समारोह संपन्न होने के बाद परेड निकालेंगे। उक्त नेताओं ने पुलिस के भरोसे का कत्ल कर दिया। ऐसे सभी नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
ये लगाई गई हैं धाराएं
पुलिस के मुताबिक दर्ज मुकदमों में दंगा फैलाने, घातक हथियारों के साथ दंगा करने, सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट, उनके कामकाज में बाधा डालने, सरकारी आदेश का उल्लंघन करने, महामारी रोग अधिनियम, खतरनाक तरीके से ट्रैक्टर व अन्य वाहन चलाने, सुबूत मिटाने, सरकारी अधिकारियों के साथ ड्यूटी के दौरान मारपीट, हत्या के प्रयास, लूटपाट व डकैती आदि की धाराएं शामिल हैं। इन धाराओं के तहत न्यूनतम दस साल व अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रविधान है।
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