Karwa Chauth 2021 Moonrise Timing : देश के कई शहरों में निकला चांद, जानिये- दिल्ली-NCR में क्यों था हुआ 'गुम'
Moonrise Timing रविवार शाम से ही दिल्ली-एनसीआर के आसमान में घने बादल छा गए और ज्यादातर इलाकों में आंधी के साथ बारिश भी हुई। ऐसे में चांद नहीं दिखाई दिया। बादलों की वजह से आलम यह रहा कि दिल्ली में रविवार को चांद दिखाई ही नहीं दिया।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। रविवार सुबह से करवा चौथ का व्रत रखने वाली दिल्ली-एनसीआर की लाखों सुहागिन महिलाओं को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ा। ऐसा बारिश होने और आसमान में बादल छाए रहने के कारण चांद के नहीं दिखाई देने से हुआ। वहीं, देश के ज्यादातर शहरों में चांद दिखाई दिया। इसी के साथ पति की लंबी उम्र का व्रत रखने वाली करोड़ों महिलाओं ने चांद को देखकर अपना व्रत खत्म किया। वहीं, दिल्ली-एनसीआर के आसमान में रविवार शाम से छाए घने बादल रात भर मौजूद रहे। ऐसे में बादलों की वजह से चांद नहीं नजर आने पर सुहागिन महिलाओं ने चंद्रमा का आह्वान किया और फिर विधि-विधान से पूजा की। इसके बाद मां लक्ष्मी का ध्यान करते हुए व्रत पूर्ण किया।
एनसीआर के शहरों में बिना चांद देखें महिलाओं ने तोड़ा करा चौथा का व्रत
दिल्ली-एनसीआर में 7 बजे के बाद आधे घंटे तक चली बारिश के चलते चांद बादलों में खो गया। ऐसे में नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदबाद और गुरुग्राम समेत अन्य शहरों महिलाओं ने बिना चांद देखे अपना व्रत तोड़ा। ज्योतिषियों के अनुसार, अगर बादलों की वजह से चांद न नजर आने पर सुहागिन महिलाओं को चाहिए कि वे चंद्रमा का आह्वान करें और फिर विधि-विधान से पूजा करें। इसके बाद मां लक्ष्मी का ध्यान करते हुए व्रत पूर्ण करें। ऐसे में ज्यादातर महिलाओं ने चांद निकलने का इंतजार नहीं करते हुए इसी तरीके से अपना करवा चौथ का निर्जला व्रत तोड़ा। जागरण संवाददाता के मुताबिक, दिल्ली से सटे नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग़ाज़ियाबाद में पंडितों और विद्वानों के कहने पर करवा चौथ पर व्रत रखने वाली महिलाओं भगवान शिवजी की तस्वीर में मस्तक पर चंद्र देख कर जल चढ़ाया और फिर व्रत खत्म किया।
बता दें कि क करवा चौथ के दिन चांद निकलने का समय देशभर में हर जगह पर अलग-अलग होता है। ऐसे में कुछ स्थानों पर चांद जल्दी निकल आता है, तो कहीं पर चांद का दीदार देरी से होता है। चांद को देखने के बाद ही महिलाओं का व्रत समाप्त होता है।
गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर में ज्यादातर महिलाओं ने करवा चौथ का व्रत रखने के क्रम में पहले शिव-पार्वती और कार्तिकेय की पूजा समाप्त की। इसके बाद व्रतधारी सुहागिन महिलाओं के लिए अर्घ्य देने का समय 8 बजकर 30 मिनट से लेकर 9 बजकर 30 मिनट तक रहा। इसके बाद महिलाओं ने अर्घ्य भी दिया।
दिल्ली-एनसीआर में चांद निकले का समय
देश के शहरों में चांद निकलने का समय
रविवार को दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में करवा चौथ का त्योहार मनाया गया। देश की करोड़ों महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए रविवार सुबह से ही करवा चौथ का कठिन व्रत रखा हुआ था, जिसमें खाना और पीना दोनों वर्जित होता है। व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाओं ने शुभ मुहूर्त के अनुसार, रविवार शाम 5 बजकर 45 मिनट से पूजा शुरू कर दी। यह शुभ मुहूर्त रविवार शाम 7 बजकर 2 मिनट तक ही था। इसके बाद चांद निकलने पर व्रत तोड़ा।
दिल्ली-एनसीआर में मुश्किल होगा चांद का दीदार!
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में रविवार शाम को आंधी के साथ बारिश हुई। इसके चलते दिल्ली-एनसीआर के आसमान में बादल छाए रहे, ऐसे में करवा चौथ पर चांद के नजर आने के आसार कम हैं।
बादलों के छाने से इन इलाकों में मुश्किल हुए चांद के दर्शन दिल्ली (Delhi) नोएडा (Noida) ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) पिलखुवा (Pilkhua) बड़ौत (Barut) हापुड़ (Hapur) गाजियाबाद (Ghaziabad) मोदीनगर (Modinagar) दादरी (Dadri) छपरौला (Chapraula) सोनीपत (Sonipat) खरखौदा (Kherkhoda) फर्रुखनगर (Farukhnagar) रेवाड़ी (Rewari) बावल (Bawal) मानेसर (Manesar) गुरुग्राम (Gurugram) फरीदाबाद
हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में शुमार करवा चौथ दिल्ली-एनसीआर समेत समूचे देशभर में मनाया गया। प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि को मनाए जाने वाले करवा चौथ पर रविवार सुबह से ही शादीशुदा महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु के लिए कठिन व्रत रखा हुआ था, जो देर शाम चांद को देखने के बाद पति के हाथों कुछ खा पीकर तोड़ा।
हिंदु मान्यता के अनुसार, इस बेहद कठिन व्रत में सुहागिन महिलाएं रविवार सुबह से ही दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं। इस दौरान व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाओं के लिए कुछ भी खाना-पीना वर्जित होता है। करवा चौथ के व्रत के दौरान शाम के समय शिव-पार्वती, गणेश और कार्तिकेय और चंद्रमा की पूजा की जाती है। इस व्रत को खोलने के क्रम में शाम को चांद दर्शन के बाद व्रत का समापन होता है।
सामान्य तौर पर सुहागिन महिलाएं इस व्रत के दौरान माता पार्वती और भगवान शिव के साथ भगवान कार्तिकेय की भी पूजा करती हैं। महिलाएं पति को छलनी से देखती हैं। इसके बाद पति अपनी पत्नी को पानी पिलाकर व्रत तुड़वाता है।
करवा चौथ के कठिन व्रत के क्रम में सबसे पहले सुहागिन महिलाएं इस दिन सुबह नित्य कर्म कर पूरे मन से व्रत का संकल्प लेती हैं। घर और मंदिर आदि की साफ- सफाई कर ज्योत जलाई जाती है। इसी क्रम में घर में देवी- देवताओं की पूजा- अर्चना भी की जाती है। इस रोज खासतौर से शिव परिवार की पूजा- अर्चना की जाती है। इस क्रम में सबसे पहले महिलाएं भगवान गणेश की पूजा करती हैं। वहीं, किसी भी शुभ काम को शुरू करने के क्रम में भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इसके बाद करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा की जाती है। अंतिम चरण में चंद्र दर्शन के बाद पति को छलनी से देखा जाता है। इसके बाद पति द्वारा पत्नी को पानी पिलाकर व्रत तोड़ा जाता है।
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