भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला देखना इस बार होगा महंगा, यहां जानें टिकट से लेकर अन्य जरूरी बातें

भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आइटीपीओ) ने मेले की एंट्री टिकटों में 25 से 33 फीसद तक की वृद्धि करने का निर्णय लिया है। इस बार शनिवार-रविवार और छुटटी के दिन व्यस्कों की टिकट जहां 150 रुपये की होगी वहीं कार्यदिवसों पर 80 रुपये का रहेगा।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 06:10 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 07:35 AM (IST)
भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला देखना इस बार होगा महंगा, यहां जानें टिकट से लेकर अन्य जरूरी बातें
2019 की तुलना में इस बार अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले की टिकट दर में हुआ 25 से 33 फीसद का इजाफा

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आइआइटीएफ) देखने के लिए इस बार जेब ज्यादा ढीली करनी होगी। भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आइटीपीओ) ने मेले की एंट्री टिकटों में 25 से 33 फीसद तक की वृद्धि करने का निर्णय लिया है। इस बार शनिवार-रविवार और छुटटी के दिन व्यस्कों की टिकट जहां 150 रुपये की होगी वहीं कार्यदिवसों पर 80 रुपये का रहेगा। पिछली बार (2019) में यह दर 120 रुपये और 60 रुपये थी। हालांकि बच्चों और व्यापारी दर्शकों की टिकट दर पूर्ववत रहेंगी।

मालूम हो कि शनिवार-रविवार और छुटटी के दिन बच्चों की टिकट जहां 60 रुपये की होगी वहीं कार्यदिवस पर यह 40 रुपये की रहेगी। इसी तरह व्यापारी दर्शकों के लिए आरक्षित शुरुआती पांच दिनों के दौरान एक दिन की टिकट 500 और पांचों दिन की पैकेज टिकट 1800 रुपये की होगी।

गौरतलब है कि कोरोना की वजह से एक साल के अंतराल पर आयोजित हो रहा 40वां अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला इस बार भी 14 से 27 नवंबर के दौरान प्रगति मैदान में लगेगा। 2019 में यह महज 25 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में लगा था जबकि इस बार इसका क्षेत्रफल तीन गुना बढ़ाकर 75 हजार वर्ग मीटर कर दिया गया है। पहली बार चार नवनिर्मित हाल दो, तीन, चार और पांच भी व्यापार मेले का हिस्सा होंगे। लेकिन दायरा बड़ा कर देने के बावजूद कोरोना प्रोटोकाल के चलते दर्शक संख्या सीमित ही रखी जाएगी।

आइटीपीओ ने यह संख्या प्रतिदिन 30 हजार तक ही रखने का निर्णय लिया है। टिकटें बेची ही इस अनुपात में जाएंगी कि दर्शकों की संख्या इससे ज्यादा न हो। जानकारी के मुताबिक मेले की थीम आत्मनिर्भर भारत है। उत्तर प्रदेश फोकस और बिहार पार्टनर स्टेट रहेगा। 25 राज्यों ने मेले में भाग लेने की स्वीकृति दे दी है। सभी राज्यों को नए हालों की पहली मंजिल पर स्थान दिया जाएगा।

विदेशी सहभागिता के तहत बहरीन, यूएई, टर्की, घाना, चीन इत्यादि सात आठ देशों की ओर से स्वीकृति आ चुकी है। मेले में अफगानिस्तान नहीं रहेगा, लेकिन भारत में वहां के मेवों का कारोबार करने वाले स्थानीय कारोबारी मेले में अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे। अलबत्ता, पाकिस्तान नदारद रहेगा।

दुनिया के मेले में इस बार सभी राज्यों के व्यंजनों का स्वाद भी मिल सकेगा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ भी उठाया जा सकेगा। इस बार प्रगति मैदान का गेट नं. एक वीआइपी मूवमेंट के लिए रहेगा जबकि आम दर्शकों को गेट नंबर चार और 10 से प्रवेश मिलेगा। टिकटों की बिक्री आनलाइन और चुनिंदा मेट्रो स्टेशनों पर ही होगी। थीम को प्रदर्शित करने के लिए आइटीपीओ द्वारा कृषि, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों, बिजली, पर्यटन आदि जैसे क्षेत्रों में विकास और आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के नए अवसर पैदा करने के दृढ संकल्प को दर्शाया जाएगा। इस बार व्यापार मेले में बडी एलईडी स्क्रीन पर प्रतिभागियों को ब्रांडिग करने का अवसर भी मिलेगा।

2020 में अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला नहीं लग सका था। इसलिए इस साल सभी को इसका बेसब्री से इंतजार है। मेला आयोजन की अनुमति भी काफी देरी से मिलने के बावजूद इसे हर तरह से बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। कोशिश की जा रही है कि दर्शकों को वैसा ही अनुभव हो, जैसा कि पूर्व के वर्षों में होता रहा है। हालांकि कोरोना प्रोटोकाल का पालन करना सभी की मजबूरी है।

एस आर साहू, महाप्रबंधक (आइआइटीएफ), आइटीपीओ

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