School Reopen in Delhi: दिल्ली में पहले दिन 40 फीसद छात्र पहुंचे स्कूल, जानें- कैसी रही व्यवस्था

School Reopen in Delhi रोहिणी स्थित माउंट आबू स्कूल की प्रधानाचार्या ज्योति अरोड़ा ने बताया कि कक्षा 10वीं-12वीं के छात्रों को दो भागों में बांटा गया है। उन्होंने बताया कि ये भाग इसलिए किया गया है ताकि एक कक्षा में 15 से अधिक छात्र न बैठे।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 08:36 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 08:55 PM (IST)
School Reopen in Delhi: दिल्ली में पहले दिन 40 फीसद छात्र पहुंचे स्कूल, जानें- कैसी रही व्यवस्था
पहले दिन छात्रों ने पढ़ा दो गज दूरी, मास्क है जरूरी का पाठ

नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। कोरोना महामारी के कारण बीते 10 माह से बंद पड़े स्कूल सोमवार से खुल गए हैं। स्कूलों में छात्रों को लंबे समय बाद देखकर शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के चेहरे भी खिल उठे। वहीं, दस माह बाद स्कूल पहुंच कर छात्रों का उत्साह भी देखने लायक था। लंबे समय बाद शिक्षकों और सहपाठियों से मिलकर छात्रों के चेहरे की खुशी देखने लायक थी। ये स्कूल 19 मार्च 2020 से बंद हुए थे। जिसके बाद छात्र आनलाइन माध्यम से ही पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन दिल्ली सरकार के 18 जनवरी से बोर्ड के छात्रों की परीक्षा को लेकर तैयारी के लिए स्कूल खोलने के निर्देश के बाद स्कूल खोले गए।

सरकार के इस निर्देश से शिक्षकों और छात्रों को काफी राहत मिली है। अब छात्र बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के साथ-साथ प्रायोगिक परीक्षाओं की भी तैयारी कर सकते हैं। हालांकि, पहले दिन स्कूलों में छात्रों की संख्या काफी कम दिखी। कई स्कूलों में छात्रों से कोरोना की जांच रिपोर्ट भी मांगी गई थी। ऐसे में करीब 30-40 फीसद छात्र ही स्कूल पहुंचे थे। वहीं, कई निजी स्कूल ऐसे थे जहां बोर्ड के छात्रों की प्री-बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं ऐसे में वह स्कूल जनवरी के आखिरी सप्ताह में खुलेंगे।

छात्रों ने पढ़ा दो गज दूरी, मास्क है जरूरी का पाठ

छात्र स्कूलों के मुख्य द्वार पर मास्क लगाकर पहुंच रहे थे। स्कूल परिसर में जगह-जगह गोल घेरे बनाए गए थे ताकि छात्र एक साथ नहीं बल्कि उचित दूरी बनाकर स्कूल पहुंचे। वहीं, पूरे स्कूल परिसर में भी छात्रों के लिए जगह-जगह जागरुकता बोर्ड लगाए गए थे ताकि छात्र कोरोना से बचाव के नियमों को जाने और दो गज दूरी, मास्क है जरूरी का पाठ पढ़े। 

कक्षा में बैठेंगे केवल 15 छात्र

आरपीवीवी करोल बाग स्कूल में एक कक्षा में केवल 15 छात्र ही बैठे थे। उस कक्षा के बाकि 15 छात्र दूसरी कक्षा में बैठे थे। प्रधानाचार्य हंस राज मोदी ने बताया कि हर कक्षा को दो भागों में बांटा गया है और प्रत्येक कक्षा का अलग टाइम-टेबल भी बनाया गया है। वहीं, रोहिणी स्थित माउंट आबू स्कूल की प्रधानाचार्या ज्योति अरोड़ा ने बताया कि कक्षा 10वीं-12वीं के छात्रों को दो भागों में बांटा गया है। उन्होंने बताया कि ये भाग इसलिए किया गया है ताकि एक कक्षा में 15 से अधिक छात्र न बैठे।

बेंच पर बनाए गए थे क्रास के निशान

आरपीवीवी करोल बाग स्कूल में छात्र एक-एक सीट छोड़कर कक्षा में बैठे थे। छात्रों कक्षा में उचित दूरी बनाकर बैठे यह सुनिश्चित करने के लिए बेंच पर क्रास का निशान भी बनाया गया था। जिस बेंच पर क्रास का निशान था उसपर छात्रों को नहीं बैठना था। वहीं, हर कक्षा में एक अतिरिक्त शिक्षक भी मौजूद थे। ये शिक्षक यह सुनिश्चित करने के लिए मौजूद थे कि छात्र अपनी सीट से हटकर दूसरे सहपाठी की सीट में न बैठे।

गुब्बारे, फूल-माला से हुआ स्वागत

लंबे समय बाद स्कूल में छात्रों को देखकर प्रधानाचार्य और शिक्षक बहुत खुश दिखे। स्कूल में शिक्षकों ने बच्चों के स्वागत के लिए तरह-तरह के इंतजाम किए थे। करोल बाग स्थित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय के प्रधानाचार्य हंस राज मोदी ने बताया कि छात्रों इस दिन का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। अब जब वो घड़ी आ गई है तो उनको विशेष सत्कार करने की जरूरत थी। आरपीवीवी स्कूल परिसर को गुब्बारों, फूलों और रंगोली से सजाया गया था।

आफलाइन के साथ-साथ आनलाइन भी लगी कक्षा

स्कूल खुलने के बाद छात्रों की कक्षा आफलाइन के साथ-साथ आनलाइन माध्यम से भी लगी। आरपीवीवी करोल बाग स्कूल में शिक्षक कक्षा में पढ़ाने के दौरान लाइव भी आएं। इस दौरान जो छात्र स्कूल नहीं आएं थे वो भी इन कक्षाओं से जुड़े। हालांकि, इन कक्षाओं में शिक्षकों की काफी समस्या का सामना करना पड़ा। 

खुद के वाहनों से स्कूल पहुंचे छात्र

स्कूल प्रशासन की तरफ से छात्रों को स्कूल वाहन की सुविधा फिलहाल नहीं उपलब्ध कराई गई है। ऐसे में छात्र निजी वाहनों से ही स्कूल पहुंचे हैं। दरियागंज स्थित एचएमडीएवी स्कूल में छात्र अपने परिजनों के साथ पहुंचे हुए थे। वहीं, कुछ छात्र स्कूटी और साइकिल से भी पहुंचे थे। छात्रों का कहना था कि जब तक स्कूल प्रशासन बसे नहीं चलवाता तब तक वह खुद के वाहन से ही स्कूल आएंगे।

नहीं हुई प्रार्थना सभा और शारीरिक शिक्षा की कक्षा

स्कूलों में छात्रों की प्रार्थना सभा नहीं हुई। छात्र स्कूल पहुंच कर सीधा कक्षाओं में प्रवेश कर रहे थे। जहां पर उनकी टाइम टेबल के हिसाब से कक्षाएं लगी। वहीं, स्कूलों में शारीरिक शिक्षा की कक्षाएं भी नहीं लगी। कुछ स्कूलों के मुताबिक छात्रों को शारीरिक शिक्षा की प्रयोगात्मक कक्षाएं लगवाने के लिए अभी समय लगेगा। फिलहाल शारीरिक शिक्षा की मौखिक कक्षाएं लगेंगी। वहीं, छात्रों को एक दूसरे से कापी, किताब व कोई अन्य सामग्री भी साझा करने से मना किया गया है।

कक्षा में किया लंच

आरपीवीवी करोल बाग में लंच के दौरान छात्रों ने कक्षा में अपनी सीट पर बैठकर ही खाना खाया। इस दौरान उनके साथ कक्षा में एक शिक्षक भी मौजूद थे। स्कूल के कक्षा 10वीं के छात्र ने बताया कि पहले सब छात्र मैदान में या कक्षा में एक साथ बैठकर लंच करते थे। सब अपना लंच एक दूसरे को खिलाते थे। अब अलग-अलग अपनी सीट पर बैठकर लंच करना थोड़ा अटपटा लग रहा है। लेकिन कोरोना से बचाव के लिए अभी ये जरूरी भी है।

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