आनलाइन कोर्स में पढ़िए दया, करुणा, सहानुभूति और भावनात्मक संबंधों का पाठ, 11000 को मिलेगा फ्री में एडमिशन
कलिंगा इंस्टीट्यूट आफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलाजी (केआइआइटी) और कलिंगा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंसेज (केआइएसएस) ने यूनेस्को महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट आफ एजुकेशन फार पीस एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट (एमजीआइईपी) के साथ मिलकर दया करुणा सहानुभूति और भावनात्मक संबंधों के बारे में नया पाठ्यक्रम शुरू किया है।
नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास औरों का दुखड़ा सुनने का वक्त नहीं है। हर कोई या तो अपनी समस्याओं में उलझा हुआ है या फिर अपनी जिंदगी को एंज्वाय करने में व्यस्त हैं। कोरोना काल में ऐसे तमाम उदाहरण सामने आए जब मुसीबत के वक्त में अपनों ने ही एक-दूसरे से मुंह मोड़ लिया था। इसलिए दया, करुणा, सहानुभूति, पारस्परिक सहयोग व भावनात्मक रूप से एक-दूसरे को जोड़ने की सीख देने वाले आनलाइन पाठ्यक्रम सेल्फ डायरेक्टेड इमोशनल फार इंपैथी एंड काइंडनेस (सीक) की शुरूआत की गई है।
भुवनेश्वर के कलिंगा इंस्टीट्यूट आफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलाजी (केआइआइटी) और कलिंगा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंसेज (केआइएसएस) ने यूनेस्को महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट आफ एजुकेशन फार पीस एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट (एमजीआइईपी) के साथ मिलकर यह पाठ्यक्रम शुरू किया है।
केआइआइटी व केआइएसएस के संस्थापक व सांसद प्रो. अच्युत सामंत ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दोनों संस्थानों के एक हजार स्टाफ व 11 हजार छात्र-छात्राओं को यह कोर्स निशुल्क कराया जाएगा। शिक्षा सत्र- 2022 में एडमिशन लेने वाले छात्र इसमें स्वत: पंजीकृत हो जाएंगे। बाद में इसे अन्य लोगों के लिए भी शुरू किया जाएगा। इसके लिए बृहस्पतिवार को इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में यूनेस्को-एमजीआइईपी के साथ पार्टनरशिप के लिए एग्रीमेंट साइन किया गया। इस दौरान यूनेस्को-एमजीआइईपी के निदेशक डा. अनंत दुरईअप्पा, केआईएसएस के चांसलर सत्य त्रिपाठी, केआइएसएस के एडवाइजर सूरज कुमार व कई देशों के राजदूत मौजूद रहे।
प्रो. अच्युत सामंत ने बताया कि यूनेस्को-एमजीआइईपी व यूएसए की लाइफ यूनिवर्सिटी द्वारा डिजाइन किया गया यह आनलाइन कोर्स यूजीसी द्वारा अप्रूव किया गया है। यह कोर्स 40 घंटे का है जिसे सेल्फ कल्टीवेशन, रिलेशन टू अदर्स और एंगेजिंग इन सिस्टम्स नाम की तीन सीरीज में पढ़ाया जाएगा। इसमें आर्ट आफ गिविंग की सीख दी जाएगी। यह कोर्स आपको अपनी पहचान कराएगा। आप खुद को अच्छी तरह से जान सकेंगे। यह कोर्स आप में लोगों से संबंध बनाने, एक-दूसरे की मदद करने व मुसीबत के वक्त एक-दूसरे के काम आने की सीख देगा।
उन्होंने कहा कि 13 नवंबर को मनाए जाने वाले विश्व दया दिवस के अवसर पर संस्थान की ओर से हैशटैग काइंडनेसमैटर्स अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके तहत अभी तक दया संबंधी 10 लाख एक्टिविटी दर्ज की जा चुकी हैं।