Kisan Andolan: ये कैसा आंदोलन...किसी की आस्था टूटी तो किसी का मातम छूटा
गणतंत्र दिवस के मौके को छुट्टी के रूप में भुनाने को लेकर अधिकतर लोग मंगलवार सुबह अपने घरों से निकले लेकिन उन्हें ये कहा मालूम था कि शांतिपूर्ण रूप से ट्रैक्टर मार्च करने के लिए निकले किसान आखिर ऐसे उपद्रव और बेकाबू होकर इस तरह का आंदोलन करेंगे।
राहुल सिंह, नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके को छुट्टी के रूप में भुनाने को लेकर अधिकतर लोग मंगलवार सुबह अपने घरों से निकले, लेकिन उन्हें ये कहा मालूम था कि शांतिपूर्ण रूप से ट्रैक्टर मार्च करने के लिए निकले किसान आखिर ऐसे उपद्रव और बेकाबू होकर इस तरह का आंदोलन करेंगे।
किसानों के सड़कों और लाल किले पर इस तरह से किए गए उपद्रव के कारण हजारों लोगों को सुबह से शाम तक सड़कों पर चक्कर काटने पड़े साथ ही कई लोगों की आस्था को भी ठेस पहुंची। वहीं, रास्ता बंद होने के कारण कई ऐसे लोग भी शामिल रहे, जो अपने सगे संबंधियों के मातम में भी शिरकत नहीं कर सकें। वहीं, कश्मीरी गेट, गाजीपुर, अपसरा बार्डर समेत कई बार्डर सील गए, जिसकी वजह से एंबुलेंस को भी वापस जाना पड़ा।
पूर्वी दिल्ली, उत्तर पूर्वी दिल्ली और गाजियाबाद से आने वाले लोगों को किसानों के उपद्रव के कारण छह से सात घंटे तक जाम का सामना करना पड़ा। इसके चलते वह सड़कों के किनारे ही अपने वाहन खड़े कर इंतजार करते रहे। वहीं, कुछ लोग वाहनों को सड़कों किनारे और पार्किंग में खड़ाकर मेट्रो से सफर तय कर अपने स्थानों तक पहुंचे। इस दौरान लोगों का कहना है कि किसानों को ऐसा नहीं करना चाहिए था, उन्हें अपने तय किए गए रूट पर ही रैली निकाली चाहिए थी, जिससे आम जनता के लोगों को इस तरह के माहौल का सामना नहीं करना पड़ता। इससे लोगों को परेशानी होती है।
बस और ट्रक लगाकर पुलिस ने बंद किए रास्ते
उपद्रव हुए किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने भी अपनी पूरी तैयारी की। पुलिस ने प्रमुख सड़कों और यूपी से दिल्ली में आने वाले रास्तों को ट्रक और बस लगाकर बंद किया। इसके साथ ही पुलिस ने प्रमुख स्थानों पर बस और ट्रक के साथ बैरिकेडिंग की। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसानों के बैरिकेडिंग तोड़ने की जानकारी मिलने के बाद इस तरह से रास्ते बंद करने की योजना अचानक से बनाई गई थी, ताकि बाकी किसान दिल्ली में प्रवेश ना कर सकें।
एंबुलेंस को भेजा गया जीटीबी अस्पताल
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर से दिल्ली आइ एंबुलेंस को कश्मीरी गेट के पास यमुना पुल पर रास्ता बंद होने के चलते पहले तो जाम का सामना करना पड़ा। वहीं बाद में पुलिसकर्मियों ने मुस्तैदी दिखाते हुए एंबुलेंस चालकों को बताया कि किसानों के उपद्रव होने के चलते उनका आगे जाना खतरनाक है, जिसके चलते वह अपने मरीज को जीटीबी अस्पताल में ले जाए। जीटीबी अस्पताल को इसके लिए अलर्ट पर रखा गया था। अस्पताल की ओर जाने वाले हर रास्ते को खुला रखा गया।
परेशान हुए लोगों का कहना
- पत्नी के दादा की मौत की सुबह 10 बजे जानकारी मिली, जिसके बाद तुरंत घर से निकल गए, लेकिन सड़कों पर तीन घंटे चक्कर काटने के बाद भी रोहिणी नहीं पहुंच सकें। दादा के मातम में शामिल होने के लिए मजबूरी में घर से निकले थे, लेकिन उपद्रियों के कारण परेशान होना पड़ रहा है। -- अनवर खान निवासी कबीर नगर
- सुबह छुट्टी होने के कारण सीसगंज गुरुद्वारे में माथा टेकने के लिए बेटी तनू के साथ निकली, लेकिन रास्ते में चार से पांच घंटे का जाम का सामना करना पड़ा। पुलिस ने जगह जगह रास्ते बंद किए, लेकिन जब इसकी जानकारी मांगते तो पुलिस एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेज रही है। -- मीनू निवासी शाहदरा
- 20 घंटे से अधिक समय सड़कों पर गुजार चुका हूं, लेकिन इसके बाद भी पता नहीं घर जा पाउंगा या नहीं। रात करीब नौ बजे आॅफिस से घर जा रहा था, लेकिन पुलिस ने रात में ही सभी रास्ते बंद कर दिए थे, जिसके चलते घर जाने में दिक्कत हो रही है। स्कूटी का पेट्रोल भी खत्म हो गया है। -- मोहम्मद असलम निवासी सदर नाला रोड
- घर से पहले मंदिर के लिए निकाला था। इसके बाद दो बजे रामबाबू अस्पताल में सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी करनी थी। लेकिन सुबह नौ बजे से निकलने के बाद भी यमुना पार नहीं कर सका। पुलिस एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजकर लोगों को गुमराह कर रही है। --- राम अवतार निवासी लोनी
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