Kisan Andolan: सिंघु बार्डर पर प्रदर्शन में किसानों के साथ आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का है जमावड़ा, आए दिन हो रही वारदातें

Kisan Andolan प्रदर्शनकारियों में शामिल निहंगों ने जिस बर्बरतापूर्ण तरीके से शुक्रवार को पंजाब के दलित युवक लखबीर सिंह की हत्या की है उससे साफ हो गया है कि प्रदर्शन में शातिर अपराधी शामिल हैं। हत्या करने के बाद कई निहंग मौके से भाग गए।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 11:38 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 11:38 AM (IST)
Kisan Andolan: सिंघु बार्डर पर प्रदर्शन में किसानों के साथ आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का है जमावड़ा, आए दिन हो रही वारदातें
कुंडली बार्डर पर प्रदर्शन में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का जमावड़ा है।

दिल्ली/सोनीपत [डीपी आर्य]। कुंडली बार्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शन में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का जमावड़ा है। आंदोलन वाले क्षेत्र में हो रही घटनाओं के चलते पुलिस और क्षेत्र के लोग काफी समय से इसके आरोप लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों में शामिल निहंगों ने जिस बर्बरतापूर्ण तरीके से शुक्रवार को पंजाब के दलित युवक लखबीर सिंह की हत्या की है, उससे साफ हो गया है कि प्रदर्शन में शातिर अपराधी शामिल हैं। हत्या करने के बाद कई निहंग मौके से भाग गए। कुंडली बार्डर पर घटित हत्या की वीभत्स घटना से पंजाब व हरियाणा सहित कई राज्यों की राजनीति प्रभावित होगी। आने वाले समय में लखबीर की हत्या राजनीतिक मुद्दा बनेगी।

कृषि कानूनों के विरोध में शामिल प्रदर्शनकारी खुद को कानून का पालन करने वाला और बेचारा साबित करते रहे हैं। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे नेता अन्नदाता और पीडि़त-शोषित किसानों का आंदोलन बताकर सहानुभूति पाने का प्रयास हर बार करते हैं। प्रदर्शन शुरू होने के कुछ महीनों तक आमजन की हमदर्दी इनके साथ रही। उसके बाद इनके कारनामे लोगों के सामने आने शुरू हुए। प्रदर्शन में शामिल लोगों द्वारा आए दिन अपराध किए जाने लगे। लूट, मारपीट, चोरी और लड़कियों को अगवा करने सहित ऐसा कोई अपराध नहीं है, जो इनके द्वारा नहीं किया जा रहा हो। प्रदर्शनकारियों की संख्या ज्यादा होने के कारण पुलिस भी इनके साथ टकराव से बचती रही है। इसके साथ ही इनके हौसले बढ़ते गए।

शुक्रवार को जिस प्रकार पंजाब के दलित युवक लखबीर की हत्या की गई, उससे प्रदर्शन में शामिल निहंगों का खौफनाक आपराधिक चेहरा पूरे देश के सामने आ गया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे नेता इसकी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। मुख्य मंच पर दिनरात प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों का पहरा रहता है। ऐसा नहीं है कि वहां पर केवल निहंग ही रहते हों। जिस प्रकार चार घंटे तक मौत का नृशंस तांडव किया गया, उससे दूर-दूर तक टेंटों में रहने वालों को घटना की जानकारी हो गई थी। असहनीय दर्द से तड़पते लखबीर की चीत्कार रात को करीब पांच सौ मीटर दूर तक सुनी गई होगी। उसके बावजूद किसी ने न तो उसको बचाने की कोशिश की और न ही पुलिस को सूचना देने की।

दलित युवक की जिस बेरहमी से हत्या की गई है। उसका प्रभाव कई राज्यों की राजनीति पर पड़ेगा। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित पंजाब की राजनीति होगी, वहां पर जल्द ही चुनाव होने हैं। इसके साथ ही अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश के चुनावों में भी इस प्रमुख मुद्दा बनेगी। इसके साथ ही हरियाणा और दिल्ली की राजनीति पर इस घटना का प्रभाव पड़ेगा। वीभत्स और खौफनाक हत्याकांड पर जिस प्रकार प्रमुख विरोधी राजनीतिक दलों ने चुप्पी साध रखी है, उससे लोग हतप्रभ हैं।

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