Kisan Andolan: प्रदर्शनकारी किसान सामान बांधकर तेजी से कर रहे घर वापसी की तैयारी, जानिए क्या है कारण?
Kisan Andolan Delhi Update तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद प्रदर्शन अब तक भले ही खत्म नहीं हुआ है लेकिन अब प्रदर्शनकारियों की घर वापसी की तैयारियां तेज हो गई हैं। इससे पहले ही इन कानूनों की वापसी के साथ ही अब प्रदर्शनकारी अपना सामान समेटने लगे हैं।
दिल्ली/ बहादुरगढ़ (झज्जर), जागरण संवाददाता। जिन सड़कों पर लंगर का चूल्हा कभी बुझता नहीं था, जहां 26 जनवरी को देश ने प्रदर्शनकारियों का उत्पात देखा था, उन सड़कों पर अब खामोशी तारी है। रह-रह कर कोई आवाज आती भी है तो वो टेंट और तंबू की बल्लियां उखाड़ने की होती है। कुछ जोड़ी आंखें तंबुओं में अपना सामान खोजती नजर आएंगी, कि अब तो बस घर लौटना है। ट्रैक्टर की तरफ दौड़ते दिख रहे प्रदर्शनकारी उस पर जमी धूल झाड़ने गया है।
जी हां, तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद प्रदर्शन अब तक भले ही खत्म नहीं हुआ है, लेकिन अब प्रदर्शनकारियों की घर वापसी की तैयारियां तेज हो गई हैं। सात दिसंबर की बैठक के बाद प्रदर्शन के समापन को लेकर कोई फैसला होगा, लेकिन इससे पहले ही इन कानूनों की वापसी के साथ ही अब प्रदर्शनकारी अपना सामान समेटने लगे हैं। उन्हें भी अंदाजा हो गया है कि अब यह प्रदर्शन कुछ ही दिनों का रह गया है।
ट्रैक्टर-ट्राली के टायरों की हवा चेक की जा रही टीकरी बार्डर से लेकर बहादुरगढ़ बाईपास पर करीब 11 किलोमीटर लंबे काफिले में प्रदर्शनकारियों द्वारा अपना सामान समेटने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है। यहां ट्रैक्टरों व ट्रालियों से तिरपाल हटाए जा रहे हैं। उन पर जमी धूल साफ की जा रही है। काफी संख्या में ट्रैक्टर करीब एक साल से एक जगह खड़े रहने से खराब हो गए हैं। उन्हें यहां के बाजारों में मैकेनिकों से ठीक कराया जा रहा है। तेल-पानी के साथ-साथ ट्रैक्टर-ट्राली के टायरों की हवा चेक की जा रही है। ट्रैक्टरों को स्टार्ट करके उनकी बैटरी को भी चार्ज किया जा रहा है, ताकि प्रदर्शन समाप्ति की घोषणा होते ही यहां से रवानगी की जा सके।
हालांकि जो भी प्रदर्शनकारी इस तरह की तैयारियों में जुटा है उससे पूछने पर एक ही बात कहता है कि जब तक एमएसपी की मांग पूरी नहीं होगी, तब तक वे घर वापसी नहीं करेंगे। टीकरी बार्डर आने वालों की संख्या भी कम उधर, हरियाणा के भी काफी संख्या में जत्थों में शामिल प्रदर्शनकारी घर वापसी कर चुके हैं। फतेहाबाद जिले से दिल्ली-रोहतक रोड पर तंबू लगाए बैठे प्रदर्शनकारी शनिवार रात को अपना सामान समेटकर घर वापसी कर गए। इसके अलावा ट्रेन के माध्यम से पंजाब से टीकरी बार्डर आने वालों की संख्या भी अब कम हो गई है। यहां से पंजाब जाने वालों की संख्या अब ज्यादा है।