Kisan Andolan: अब किसान नेताओं के खिलाफ फूट रहा लोगों का गुस्सा, सबसे पहले टिकैत पर साधा निशाना

Kisan Andolan दिल्ली की दो सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन के खिलाफ अब लोगों का गुस्सा फुटने लगा है। इन धरना स्थलों के आसपास रह रहे लोग इसके लिए किसान नेताओं को जिम्मेदार मान रहे हैं और उनके खिलाफ प्रदर्शन करने लगे है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 12:48 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 04:49 PM (IST)
Kisan Andolan: अब किसान नेताओं के खिलाफ फूट रहा लोगों का गुस्सा, सबसे पहले टिकैत पर साधा निशाना
सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन के खिलाफ अब लोगों का गुस्सा फुटने लगा है।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली की दो सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन के खिलाफ अब लोगों का गुस्सा फुटने लगा है। इन धरना स्थलों के आसपास रह रहे लोग इसके लिए किसान नेताओं को जिम्मेदार मान रहे हैं और उनके खिलाफ प्रदर्शन करने लगे है। इससे पहले भी किसानों के प्रदर्शन के खिलाफ आवाजें उठने लगी थीं। टीकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और यूपी गेट पर किसानों का धरना बीते तीन माह से अधिक समय से चल रहा है।

जानकारी के अनुसार टीकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर आसपास के रहने वालों को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है। हाइ वे होने के कारण इस बॉर्डर पर काफी संख्या में पेट्रोल पंप बने हुए थे। इसके अलावा 400 से अधिक छोटी बड़ी दुकानें थीं वो सब बंद पड़ी हुई हैं।

धरने की वजह से पेट्रोल पंप संचालक परेशान है, गाड़ियों की आवाजाही नहीं हो रही है उनका कारोबार बुरी तरह से प्रभावित है। इसके अलावा जो छोटे बड़े ढाबे, होटल आदि चल रहे थे उन पर ताला लगने की नौबत आ गई है। इससे पहले ये सभी कोरोना की वजह से परेशान थे, उसके बाद किसानों ने उनको काराबोर को पुरी तरह से चौपट कर दिया है। 

उधर आंदोलन के कारण हो रहे नुकसान को देखते हुए सोमवार को किसान सड़क पर उतर आए। दिल्ली के गांव झाड़ौदा कलां के किसानों ने बार्डर खुलवाने की मांग करते हुए सुबह 10 बजे नजफगढ़-बहादुरगढ़ रोड स्थित मुंगेशपुर ड्रेन पुल पर चार घंटे जाम लगाया और नारेबाजी की। इस दौरान उनके निशाने पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत रहे। उनका कहना था कि राकेश टिकैत की वजह से ही हम नुकसान सहने को मजबूर हैं। प्रदर्शन में शामिल मौजीराम ने बताया कि इस मसले पर झाड़ौदा कलां गांव को दिल्ली के सभी गांवों का समर्थन प्राप्त है।

जाम के कारण हरियाणा-दिल्ली के बीच आवाजाही बाधित होने से लंबा जाम लग गया। वाहन चालक खेतों के रास्ते दिल्ली की ओर आ-जा रहे थे। इस बीच दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को आश्वस्त किया कि तीन दिन बाद बार्डर खोल दिया जाएगा। इसके बाद दोपहर दो बजे किसानों ने जाम हटाया, लेकिन चेतावनी दी कि यदि तीन दिन बाद बार्डर नहीं खोला गया तो वे खुद बार्डर खोल देंगे। 

किसानों को इसलिए हो रहा नुकसान 

प्रदर्शन में शामिल ओमप्रकाश डागर, संजय डागर, सुरेंद्र डागर, प्रताप सिंह डागर, बल्लू पंडित, प्रकाश डागर, राकेश डागर, देवेंद्र डागर, काला साहब आदि ने बताया कि झाड़ौदा कलां में करीब 16 हजार एकड़ जमीन है और यहां ज्यादातर सब्जियां ही उगाई जाती हैं, जिनमें गोभी फसल मुख्य है। जो गोभी पहले 10-12 रुपये प्रति किलो बिकती थी, आज वह 50 पैसे किलो भी नहीं बिक रही है।

क्योंकि, बार्डर बंद होने से हरियाणा-दिल्ली आने-जाने के लिए वाहन चालक गांव के खेतों के रास्तों का उपयोग कर रहे हैं। इससे धूल उड़ने के कारण गोभी की फसल खराब हो जाती है। बहादुरगढ़ की सब्जी मंडी उनका प्रमुख बिक्री केंद्र था, लेकिन बार्डर बंद होने से यहां आना-जाना बंद है। इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। 

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