यूपी गेट पर बढ़ी चहल-पहल, पढ़िए कृषि कानून रद होने के बाद क्या कहते हैं किसान

सरकार की घोषणा के बाद ही कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन स्थल यूपी गेट पर शुक्रवार को चहल-पहल बढ़ गई। दोपहर से रात तक यहां प्रदर्शनकारियों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। इसको लेकर पुलिस-प्रशासन भी सतर्क हो गया।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 09:57 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 09:57 PM (IST)
यूपी गेट पर बढ़ी चहल-पहल, पढ़िए कृषि कानून रद होने के बाद क्या कहते हैं किसान
कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा होने की जानकारी मिलने पर प्रदर्शनकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई।

साहिबाबाद [जागरण संवाददाता]। सरकार की घोषणा के बाद ही कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन स्थल यूपी गेट पर शुक्रवार को चहल-पहल बढ़ गई। दोपहर से रात तक यहां प्रदर्शनकारियों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। इसको लेकर पुलिस-प्रशासन भी सतर्क हो गया। अधिकारी यहां डटे रहे। खुफिया विभाग को सक्रिय किया गया।

प्रदर्शनकारियों में खुशी की लहर

कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा होने की जानकारी मिलने पर प्रदर्शनकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। यहां से घर जा चुके प्रदर्शनकारियों की वापसी शुरू हो गई। दोपहर 12 बजे तक आसपास के गांवों से प्रदर्शनकारी मिठाई लेकर आए। दोपहर दो बजे तक बागपत व शामली से प्रदर्शनकारी पहुंचे। दोपहर करीब तीन बजे उत्तराखंड के प्रदर्शनकारियों के साथ संयुक्त किसान मोर्चा के यूपी गेट प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा आए। जनवादी महिला समिति से जुड़ीं महिलाएं भी मौके पर पहुंचीं।

प्रदर्शनकारियों ने गाए गीत

प्रदर्शनकारियों ने यहां गीत गाकर खुशी का इजहार किया। बुलंदशहर से आए सुरेंद्र पाल सिंह, सुल्तान सिंह यादव, सुधाकर सिंह, विंद्र आदि ने गीत प्रस्तुत किए। वहीं, कई प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर पर सवार होकर अपनी खुशी का इजहार किया। दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन अंबावता की ओर से भोपुरा पर मिठाई बांटकर खुशी मनाई गई। मंडोला, लोनी के प्रदर्शनकारियों ने एक-दूसरे को लड्डू खिलाकर खुशी मनाई।

सतर्क रहे अधिकारी

यूपी गेट पर सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी रही। पुलिस अधीक्षक नगर द्वितीय ज्ञानेंद्र सिंह डटे रहे। खुफिया विभाग प्रदर्शनकारियों की रणनीति की टोह लेती रही। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने नेताओं से बातचीत कर उनकी रणनीति समझने की कोशिश की।

आंदोलन के शुरुआती दिनों में यहां आ गया था। कानून वापसी होने के निर्णय का स्वागत करता हूं। जब तक किसान और जवान आगे नहीं बढ़ेगा देश की तरक्की नहीं होगी।

रामकुमार, बागपत

सरकार को धन्यवाद देता हूं। आंदोलन चलेगा या बंद होगा इसका निर्णय संयुक्त किसान मोर्चा लेगा।

मोहम्मद हनीफ, बिजनौर

ठंडी, गर्मी और बरसात सहकर आंदोलन किया हूं। जब तक कानून वापस नहीं हो जाएगा यहां से नहीं जाएंगे।

लोकेश, मेरठ

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