Kisan Andolan: पंजाब चुनाव से पहले किसानों का बड़ा एलान, जानिए भाजपा और अन्य दलों के लिए क्या है मैसेज
मोर्चा के नेताओं ने कहा कि पंजाब में चुनावी रैलियों को लेकर बदलते हालात पर चर्चा की गई। इसके बाद निर्णय लिया गया कि जब तक आयोग चुनाव का एलान नहीं करता तब तक राजनीतिक पार्टियों को गांव में नहीं जाना चाहिए। इससे गांव का माहौल खराब हो रहा है।
सोनीपत [संजय निधि]। कुंडली बार्डर पर बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल पंजाब की 32 जत्थेबंदियों की बैठक हुई। जत्थेबंदियों की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए मोर्चा के नेताओं ने कहा कि पंजाब में चुनावी रैलियों को लेकर बदलते हालात पर चर्चा की गई। इसके बाद निर्णय लिया गया कि जब तक आयोग चुनाव का एलान नहीं करता, तब तक राजनीतिक पार्टियों को गांव में नहीं जाना चाहिए। इससे गांव का माहौल खराब हो रहा है। इसको लेकर निर्णय लिया गया कि 10 सितंबर को चंडीगढ़ में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को छोड़कर अन्य राजनीतिक दलों के साथ एक बैठक बुलाई गई है और इस बैठक में जत्थेबंदियों की ओर से लिए गए निर्णय से उन्हें अवगत कराया जाएगा। जाे इस पर खरा उतरेगा, वही मोर्चा का हिमायती होगा। बता दें कि राकेश टिकैत ने करनाल में प्रशासन के साथ हुई बैठक बेनतीजा होने बाद भी किसानों के प्रदर्शन जारी रखने का फैसला लिया है। इसके बाद अब किसानों के इस एलान के बाद हलचल बढ़ सकती है।
एमएसपी पर चर्चा सरकार को ढकोसला
बैठक में केंद्र सरकार द्वारा घोषित एमएसपी पर चर्चा के बाद इसे सरकार का ढकोसला करार दिया। मोर्चा के नेताओं ने कहा कि सरकार ने वास्तविक रूप से रबी फसलों के एमएसपी को कम कर दिया है। खुदरा मुद्रास्फीति छह फीसद है जबकि गेहूं और चना के एमएसपी में सिर्फ दो प्रतिशत और 2.5 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इसका मतलब है कि वास्तविक रूप से गेहूं और चना के एमएसपी में क्रमश: चार प्रतिशत और 3.5 प्रतिशत की कमी हुई है।
भारत बंद की तैयारी जोरों पर
करनाल में चल रहे आंदोलन को लेकर मोर्चा के नेताओं ने कहा कि दूसरे दिन भी बातचीत बेनतीजा रही और धरना जारी है। करनाल में भी पक्का मोर्चा लग गया है और जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, धरना जारी रहेगा। इसके लिए बड़ी संख्या में लोग पंजाब-हरियाणा से मोर्चा पर पहुंच रहे हैं। जत्थेबंदियों ने कहा कि देश में भारत बंद की तैयारियां जोरों पर हैं।
10 सितंबर को होगी बैठक
10 सितंबर को शाहजहांपुर बार्डर पर विभिन्न संगठनों की बैठक होगी जिसमें 33 जिलों के लोग शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि देश की प्रमुख ट्रेड यूनियनों द्वारा समर्थन दिए जाने से इस बार का भारत बंद ऐतिहासिक होगा। बैठक में कुलवंत सिंह संधू, रल्दू सिंह मानसा, मनजीत सिंह, हरविंदर सिंह, जंगबीर सिंह आदि मौजूद थे।