Kisan Andolan: एमएसपी की मांग पर बोले राकेश टिकैत 'इस कानून के अभाव में किसान हमेशा लुटेगा'
LIVE Kisan Andolan दिल्ली-एनसीआर के बार्डर पर धरना प्रदर्शन जारी रखने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर पर एक अहम बैठक बुलाई है जिसमें यह आंदोलन के अगले चरण की रणनीति पर चर्चा होगी।
नई दिल्ली/सोनीपत/गाजियाबाद/रेवाड़ी। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को विरोध आंदोलन के एक साल पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर प्रदर्शनकारी दिल्ली-एनसीआर के बार्डर पर शुक्रवार सुबह से ही शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर के बार्डर पर धरना प्रदर्शन जारी रखने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर पर एक अहम बैठक बुलाई है, जिसमें यह आंदोलन के अगले चरण की रणनीति पर चर्चा होगी।
वहीं, यूपी गेट पर राकेश टिकैत ने अपने संबोधन में कहा कि साढ़े सात सौ किसान शहीद हुए और हजारों किसानों पर मुकदमे हुए उनका कौन हिसाब देगा। उन्होंने मांग की है कि एमएसपी पर कानून बने। एमएसपी से ही किसान को लाभ मिलेगा और जब तक यह नहीं होगा किसान लूटा जाएगा।
उन्होंने जानकारी दी कि 27 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में निर्णय लिया जाएगा कि किसानों का अगला कदम क्या होगा? वह शनिवार को अमृतसर और रविवार को मुंबई में रहेंगे। इसके बाद 29 को यूपी गेट पर रहेंगे। राकेश टिकैत ने यह भी बता कि संसद सत्र के दौरान यहां से 30 ट्रैक्टर से 500 किसान दिल्ली जाएंगे।
स्वराज पार्टी के नेता और संयुक्त किसान मोर्चा के अहम नेताओं में शुमार योगेंद्र यादव भी दिल्ली-यूपी के गाजीपुर गेट पर पहुंचे हैं। यहां पर पहले से ही यहां पर धरना प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत मौजूद हैं। बताया जा रहा है कि योगेंद्र यादव यहां पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करेंगे।
यूपी गेट पर प्रदर्शनकारियों की संख्या 300 से कम
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की अगुवाई वाले दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बार्डर पर 200 से कुछ ज्यादा प्रदर्शनकारी हैं, जबकि दिल्ली-हरियाणा के सिंघु और टीकरी बार्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों की संख्या 4000 से अधिक हो चुकी है।
सिंघु बार्डर पर बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद
सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) पर शुक्रवार सुबह से लोगों का आना जारी है। कई टेंटों में लंगर चल रहे हैं। लोग जश्न मनाते हुए यहां पर आ रहे हैं। इनमें महिलाओं की संख्या की अच्छी-खासी है।
वहीं, यूपी गेट पर किसान नेता राकेश टिकैत ने मंच पर बैठने के बजाय सामने बैठे और वक्ता को सुन रहे हैं।
छिजारसी टोल प्लाजा कराया फ्री
टोल कर्मियों पर गुंडागर्दी का आरोप लगाते हुए किसान नेताओं ने बृहस्पतिवार को को छिजारसी टोल प्लाजा फ्री करा दिया। नेताओं का आरोप है कि टोल कर्मी अक्सर किसानों और नेताओं के साथ अभद्रता करते है। इसलिए जब तक टोल प्रबंधक आकर ठोस आश्वासन नहीं देंगे तब तक टोल फ्री रहेगा। किसान नेता दिनेश खेड़ा के नेतृत्व में किसान नेता सुबह 11:30 बजे टोल प्लाजा पर पहुंचे। पहुंचते ही किसानों ने टोल के बेरियर हटा दिए और टोल फ्री करा दिया। इसके बाद लेन नंबर 9 में किसान नेता धरना देकर बैठ गए।
सीओ तेजवीर सिंह ने कई बार धर्मा कार्यों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वह असफल रहे। इस दौरान किसान नेताओं को पता चला कि टोल प्लाजा पर आनलाइन टोल लिया जा रहा है। इसके चलते किसान नेताओं ने सिस्टम को बंद कराने के चलते जनरेटर को बंद कर दिया। इसके बाद टोल पूरी तरह फ्री हो गया। किसान नेता दिनेश खेड़ा का कहना है कि मामले का समाधान होने तक टोल फ्री रहेगा।
Highlights दिल्ली से सटे साहिबाबाद में कानून विरोधी प्रदर्शन के एक साल पूरा होने पर शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने यूपी गेट पर पंचायत करके शक्ति प्रदर्शन करने का एलान किया। इसके मद्देनजर यहां सुबह से प्रदर्शनकारियों के आने का सिलसिला जारी है। अब तक यहां करीब 250 प्रदर्शनकारी पहुंच चुके हैं। यूपी गेट पर किसी संभावित हंगामे के मद्देनजर गाजियाबाद पुलिस-प्रशासन भी सतर्क हो गया है। प्रदर्शन स्थल के अलावा डाबर चौक, वैशाली सेक्टर एक कट पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। किसान नेताओं ने पिलखुवा के छिजारसी टोल प्लाजा को शुक्रवार को सुबह फ्री करवा लिया है। सिंघु और टीकरी बार्डर पर किसानों की संख्या बढ़ गई है। देश भर के किसानों से यहां पहुंचने का आह्वान किया गया था। सिंघु बार्डर पर शुक्रवार को होने वाले प्रदर्शन में कुंडली बार्डर पर पंजाबी कलाकार बब्बू मान, सिप्पी गिल समेत कई बड़ी हस्तियां पहुंचेंगी। इसके अलावा इंटरनेट मीडिया पर लगातार देशवासियों और अन्य संगठनों से सहयोग मांगा जा रहा है।
गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाने सहित कुछ मुद्दों को लेकर पिछले साल 26 नवंबर को हरियाणा के सिंघु और टीकरी बार्डर पर किसानों का आंदोलन शुरू हुआ था। किसान नेताओं और सरकार के बीच 12 दौर की बैठक में कोई हल नहीं निकला तो कुछ दिन पहले गुरु पर्व के मौके पर प्रधानमंत्री ने तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने का ऐलान कर दिया। बावजूद इसके आंदोलन खत्म नहीं हुआ और किसान एमएसपी गारंटी कानून बनाने सहित अन्य मांगों पर अड़े हुए हैं और आंदोलन को जारी रखने का ऐलान किया है।
कृषि कानून विरोधी आंदोलन को एक एक वर्ष पूरे होने पर शुक्रवार को दिनभर अलग-अलग कार्यक्रम किए जाएंगे। इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि कर्नाटक में किसान हाईवे जाम कर विरोध प्रदर्शन करेंगे तो तमिलनाडु, बिहार और मध्य प्रदेश में ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा। पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा तय कर ली गई है। प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा को प्रदर्शनकारी पहली बड़ी जीत मान रहे हैं।
अब तक 683 की जा चुकी है जान
मोर्चा के नेताओं ने बताया कि साल भर से चल रहे आंदोलन में अब तक 683 प्रदर्शनकारी अपनी जान गंवा चुके हैं। मोर्चा ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में उठाई गई अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि केंद्र सरकार इनके परिवारों को मुआवजा देने और उनके पुनर्वास की घोषणा करे। साथ ही कुंडली मोर्चा पर उनके नाम पर स्मारक बनाने के लिए जमीन आवंटित करने की मांग की गई है।