Kisan Andolan: दिल्ली के बार्डर पर खत्म हो सकता धरना प्रदर्शन, सिंघु बार्डर से आई अच्छी खबर

Kisan Andolan Latest Update दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) से बड़ी खबर आ रही है। इस तरह के संकेत मिल रहे हैं। एक साल से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा कृषि कानून विरोधी धरना इसी सप्ताह खत्म हो सकता है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 08:04 AM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 08:04 AM (IST)
Kisan Andolan: दिल्ली के बार्डर पर खत्म हो सकता धरना प्रदर्शन,  सिंघु बार्डर से आई अच्छी खबर
Kisan Andolan: दिल्ली के बार्डर पर खत्म हो सकता धरना प्रदर्शन, सिंघु बार्डर से आई अच्छी खबर

नई दिल्ली/सोनीपत, जागरण टीम। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन नरेंद्र मोदी सरकार ने दोनों सदनों में तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने का ‘कृषि कानूनों का निरस्तीकरण विधेयक, 2021’ पारित कर दिया। इसके बाद दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर पर जमा हजारों आंदोलनकारी और संयुक्त किसान मोर्चा असमंजस में है, क्योंकि आम जनता भी चाहती है कि आंदोलन खत्म हो। यह अलग बात है कि तीनों कृषि कानून निरस्त होने के बावजूद गाजीपुर, सिंघु, शाहजहांपुर और टीकरी बार्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है।

इस बीच दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) से बड़ी खबर आ रही है। इस तरह के संकेत मिल रहे हैं। एक साल से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा कृषि कानून विरोधी धरना इसी सप्ताह खत्म हो सकता है। सरकार ने जिस तरह तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए संसद के दोनों सदनों में प्रस्ताव पारित कराया, उससे अब आंदोलनकारी भी घर वापसी की तैयारी में हैं। इसका इशारा भी मिलने लगा है।

4 दिसंबर की बैठक पर केंद्र सरकार की भी रहेगी नजर

सोमवार को आंदोलनकारियों द्वारा टीकरी बार्डर पर कई जगह से तंबू हटाए गए और अब वे घर वापसी के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के एलान का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, कुंडली बार्डर पर पंजाब की 32 जत्थेबंदियों की बैठक में निर्णय लिया गया कि अब संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक 4 दिसंबर को होगी।

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सरकार कर सकती है अन्य मसलों पर विचार

उधर, टीकरी बार्डर पर पंजाब के नेता अब दबी जुबान में कह रहे हैं कि जब वे पंजाब से चले तो एमएसपी की उनकी मांग ही नहीं थी। यह तो दिल्ली की सीमाओं पर आने के बाद ही जोड़ी गई है। उस पर भी सरकार ने कमेटी बनाने का ऐलान किया है। स्पष्ट है कि सरकार ने इस मसले को नकारा नहीं है।

पंजाब के किसान नेता परगट सिंह ने कहा कि अब जल्द ही घर वापसी करेंगे। सरकार ने जिस तरह से कानून वापसी का प्रस्ताव पारित कराया है, यह आजाद भारत के इतिहास का पहला मौका है। सरकार के फैसले का हम स्वागत करते हैं। पंजाब के अन्य किसान नेता अमरीक सिंह ने कहा कि हम जो संकल्प लेकर आए थे, वह पूरा हो गया है। जल्द ही हम घर वापसी करेंगे।

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