Kisan Andolan: दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों के लिए बुरी खबर, अभी खत्म नहीं होगा किसान आंदोलन

Kisan Andolan किसान जत्थेबंदियों ने ऐलान किया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून बनाने समेत 6 मांगें जब तक पूरी नहीं की जाती तब तक वे आंदोलन वापस नहीं लेंगे लेकिन इसका तरीका बदलने पर विचार हो सकता है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 09:27 AM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 10:19 AM (IST)
Kisan Andolan: दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों के लिए बुरी खबर, अभी खत्म नहीं होगा किसान आंदोलन
Kisan Andolan: दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों के लिए किसान संगठनों की ओर से आई बुरी खबर

नई दिल्ली/सोनीपत/गाजियाबाद [संजय निधि]। किसान आंदोलन खत्म होने की आस लगाए दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों को जोर का झटका जोर से लगा है। दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए बुरी खबर यह है कि फिलहाल आंदोलन खत्म नहीं होने जा रहा हैं, हां विरोध प्रदर्शन का तरीका आने वाले दिनों में जरूर बदला नजर आएगा। दरअसल, तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोधी आंदोलन को लेकर किसान जत्थेबंदियों की बैठकों का दौर लगातार जारी है। इस कड़ी में बुधवार को हरियाणा किसान मोर्चा के बैनर तले 26 संगठनों ने बैठक की तो पंजाब की भी 32 जत्थेबंदियों ने बैठक की। बैठक के बाद किसान जत्थेबंदियों ने ऐलान किया कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं की जाती, तब तक वे आंदोलन वापस नहीं लेंगे, लेकिन इसका तरीका बदलने पर विचार हो सकता है। इसका मतलब फिलहाल दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (शाहजहांपुर, टीकरी, सिंघु और गाजीपुर) पर किसानों का धरना प्रदर्शन इसी तरह चलता रहेगा। उधर, हरियाणा और पंजाब के किसान जत्थेबंदियों ने कहा कि आंदोलन को लेकर चार दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की होने वाली बैठक में फैसला लिया जाएगा।

बैठक के बाद हरियाणा और पंजाब की किसान जत्थेबंदियों की ओर से अलग-अलग प्रेसवार्ता कर आंदोलन के मुद्दे पर एकमत होने का दावा किया गया। आंदोलन में पंजाब की 32 जत्थेबंदियों ने ऐलान किया है कि सभी मांगें पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा, लेकिन वे इसका तरीका बदलने पर विचार कर सकते हैं। आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के आंकड़ों पर सरकार के जवाब की निंदा करते हुए कहा कि सरकार उनसे आंकड़े ले सकती है। फंड के सवाल पर जत्थेबंदियों ने कहा कि मोर्चा के पास जो भी पैसा है, वह उन परिवारों का है, जिनके सदस्यों की जान आंदोलन के दौरान चली गई, लेकिन पैसा उन्हें किस हिसाब से देना है, यह फैसला संयुक्त किसान मोर्चा करेगा।

हरियाणा के संगठनों ने दो मांगें और जोड़ीं

मोर्चा के हरियाणा पदाधिकारियों ने साफ किया है कि एमएसपी गारंटी कानून पर लाग-लपेट मंजूर नहीं होगी। सरकार को यह घोषणा करनी होगी जो कमेटी बनाई जा रही है वह हर हाल में एमएसपी गारंटी कानून बनाएगी। साथ ही मोर्चा ने पहले की मांगों में दो नई मांगें भी शामिल की हैं। हरियाणा किसान मोर्चा के तहत 26 संगठनों की बैठक का नेतृत्व मनदीप सिंह नाथवान ने की। मोर्चा के नेताओं ने कहा कि हरियाणा में आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमों को फिलहाल वापस नहीं लिया गया है, जबकि पंजाब में यह घोषणा कर दी गई है। हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किया है कि भूमि अधिग्रहण बिल-2013 को और संपत्ति क्षतिपूर्ति कानून वापस लेने की मांग है। दोनों मांगें यहां के किसानों के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।

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