Kisan Andolan: जानिए संसद में कृषि बिल वापस लेने पर क्या बोले किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत
Kisan Andolan संसद संसद में कृषि बिल वापस हाेने पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि एक बीमारी थी इस बीमारी का अब इलाज हो गया। अब सरकार से एमएसपी पर गारंटी चाहिए। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आगामी रणनीति तय की जाएगी।
नई दिल्ली, साहिबाबाद, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए संसद में कृषि बिल रिपील किया और बिल वापस हो गया। अब संसद में कृषि बिल वापस हाेने पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि यह कानून एक बीमारी थी। अब उसका इलाज हो गया। अब किसानों को सरकार से एमएसपी पर गारंटी चाहिए। चार दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आगामी रणनीति तय की जाएगी।
Kaushambi, UP | Govt wants that there should be no protests in the country but we'll not leave the protest site before any discussion on MSP including other issues: BKU leader Rakesh Tikait pic.twitter.com/YBoIoI8p3S— ANI (@ANI) November 29, 2021
इससे पहले उन्होंने कहा कि सरकार सरकार चाहती है कि देश में कोई विरोध प्रदर्शन न हो, लेकिन हम एमएसपी सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा से पहले धरना स्थल नहीं छोड़ेंगे। मालूम हो कि इससे एक दिन पहले रविवार को टिकैत ने मुंबई में महापंचायत में हिस्सा लिया था, वहां उन्होंने पंचायत खत्म होने के बाद मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने सरकार पर तंज कसा और कहा था कि सरकार अपने होश ठीक कर लें, उसी हिसाब से कानून बनाए और उस पर चर्चा करे। कुछ दिनों के बाद फिर 26 जनवरी आने वाली है। कहीं फिर से वो दोहराना न पड़े।
जबकि इससे पहले 26 जनवरी को दिल्ली की सड़कों पर ट्रैक्टरों के साथ जो तांडव हुआ था, उसको देखकर सभी किसान नेता इससे किनारा कर रहे थे। राकेश टिकैत ने भी कहा था कि जिन लोगों ने ये कृत्य किया है वो किसान नहीं हो सकते, ये सब विरोधियों की चाल होगी। मगर रविवार को जब उन्होंने फिर से 26 जनवरी को दोहराने की बात कही इससे साफ जाहिर होता है कि वो किसान और ट्रैक्टरों के साथ किसी भी हद तक उतरने को तैयार है।
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मालूम हो कि राकेश टिकैत देश के अलग-अलग राज्यों में घूम-घूमकर किसानों की महापंचायत करके उनको एकजुट होकर करने का प्रयास कर रहे हैं। लखनऊ, पश्चिम बंगाल, मुंबई, हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों में जाकर वो पंचायत कर चुके हैं और किसानों को इसके लिए एकजुट होने की अपील कर चुके हैं।
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