Kisan Andolan: किसान एकता मोर्चा ने ट्वीट कर बताया कि वो कब खत्म कर सकते हैं अपना आंदोलन
किसान एकता मोर्चा की ओर से एक ट्वीट किया गया है। इस ट्वीट में लिखा गया है कि किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। वो अपना आंदोलन तब तक खत्म नहीं करेंगे जब तक की सरकार एमएसपी पर गारंटी के साथ कानून पारित नहीं करती है।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। अभी तक किसान संगठनों की मांग थी कि केंद्र सरकार अपने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले ले उसके बाद किसान अपना धरना प्रदर्शन समाप्त करके वापस चले जाएंगे। इससे पहले तक सभी किसान संगठनों की यही मांग थी मगर जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा कर दी और उसे संसद में वापस लेने की भी बात कह दी उसके बाद अब किसान संगठनों ने अपनी दूसरी मांग को प्रमुखता दे दी है। अब उनकी मांग है कि सरकार एमएसपी के लिए गारंटीकृत कानून पारित करे उसके बाद किसान अपना विरोध प्रदर्शन खत्म कर देंगे।
अब किसान एकता मोर्चा की ओर से एक ट्वीट किया गया है। इस ट्वीट में लिखा गया है कि किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। वो अपना आंदोलन तब तक खत्म नहीं करेंगे जब तक की सरकार एमएसपी पर गारंटी के साथ कानून पारित नहीं करती है। यह किसानों का अधिकार है और सरकार को उसे उनको देना चाहिए। Farmers firm abt their decision They won’t end protest until govt passes guaranteed law for MSP Its their right & they must get it#OnlyMSPCanSaveFarmers pic.twitter.com/niQpYiyKut— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) November 28, 2021
मालूम हो कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के किसान बीते एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर धरना देकर प्रदर्शन कर रहे हैं, इस दौरान किसान संगठनों की ओर से तमाम तरह से महापंचायत, संसद मार्च और कई अन्य तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिससे सरकार पर दबाव बनाया जा सके। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के साथ किसान संगठनों की कई दौर की बातचीत भी हुई मगर कोई सर्वमान्य हल नहीं निकल सका। जिसके कारण किसानों और केंद्रीय मंत्री के बीच बातचीत भी बंद हो गई। खैर जब किसानों को लगने लगा कि अब सरकार बात नहीं करेगी तो उनकी ओर से ये संदेश भी भिजवाया गया था कि वो बात करने को तैयार है मगर दोनों पक्षों में से किसी की ओर से कदम नहीं उठाया गया।
सरकार ने ये साफ कर दिया था कि पहले जिन मुद्दों पर बात हो चुकी है उससे अलग हटकर मुद्दों पर बात होगी यदि इस पर किसान तैयार हो तो वो कभी भी बात करने के लिए आ सकते हैं मगर उसके बाद किसानों की ओर से इस पर कोई पहल नहीं की गई।