पति की तलाश को 'खून' का सहारा, पढ़ें- दिल दहला देने वाली ये सनसनीखेज स्टोरी

हादसे के चार दिन बाद भी बेबी के पति लालचंद का कोई सुराग नहीं लगा है। अब उनके बेटे का ब्लड सैंपल लिया गया है, जिससे डीएनए टेस्ट के माध्यम से होटल में मिले शव की पहचान की जाएगी।

By Edited By: Publish:Fri, 15 Feb 2019 10:28 PM (IST) Updated:Sun, 17 Feb 2019 07:52 AM (IST)
पति की तलाश को 'खून' का सहारा, पढ़ें- दिल दहला देने वाली ये सनसनीखेज स्टोरी
पति की तलाश को 'खून' का सहारा, पढ़ें- दिल दहला देने वाली ये सनसनीखेज स्टोरी

नई दिल्ली [किशन कुमार]। 12 फरवरी, 2019 को करोलबाग स्थित होटल अर्पित पैलेस में हादसे की आग धीरे-धीरे ठंडी पड़ती जा रही है, लेकिन पहाड़गंज के आर्या नगर निवासी बेबी की नजरें अपने पति की तलाश में दरवाजे पर ही टकटकी लगाए हुए हैं। हादसे के चार दिन बाद भी उनके पति लालचंद का कोई सुराग नहीं लगा है। ऐसे में अब उनके बेटे का ब्लड सैंपल लिया गया है, जिससे डीएनए टेस्ट के माध्यम से होटल में मिले शव की पहचान की जाएगी।

करोलबाग अग्निकांड की हृदय विदारक घटना ने 17 लोगों के परिवार को तोड़कर रख दिया है। हर कोई अपनों को खोने के गम में डूबा हुआ है। इसी में पहाड़गंज के आर्या नगर निवासी लालचंद का परिवार है। यहां 18 गज के दो मंजिला मकान में चार भाइयों के साथ रहने वाले लालचंद के परिवार में एक बेटा, बेटी व पत्नी बेबी के अलावा चार भाई अपने परिवार के साथ रहते हैं। पूरे मकान में 16 सदस्य रहते हैं। लालचंद अपने परिवार में इकलौते कमाने वाले हैं। बेबी घरेलू महिला हैं, जो पति का जिक्र आते ही फफक कर रो पड़ी।

उन्होंने कहा कि चार दिन बाद भी पति का सुराग नहीं मिलने की वजह से अब उनकी नींद उड़ चुकी है। एक-एक मिनट दरवाजे पर टकटकी लगाकर इसी उम्मीद में गुजरता है कि शायद अब कहीं से पति आ जाएं। लालचंद होटल में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत हैं। हादसे के बाद परिवार ने सभी अस्पतालों में चक्कर लगा लिए। लेकिन, अभी तक कुछ पता नहीं चला है।

वहीं, दूसरी ओर आरएमएल अस्पताल की मोर्चरी में अब हादसे का एक शव बचा है, जोकि बुरी तरह जल चुका है। डीएनए टेस्ट से ही शव की पहचान संभव है। इसके लिए लालचंद के बेटे हिमांशु का ब्लड सेंपल लिया गया है। आर्थिक हालात भी हैं खराब लालचंद की आर्थिक स्थिति भी खराब है।

कंपनी सेक्रेटरी की पढ़ाई कर रहे बड़े बेटे हिमांशु की पढ़ाई के साथ साथ बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रही बेटी लता की भी जिम्मेदारी भी उन पर है। बेटी को आगे चलकर सीए बनना है। हिमांशु ने बताया कि पापा की इन दिनों रात्रि सेवा चल रही थी। इससे पापा से उसकी मुलाकात नहीं हो पाती थी। इसी वजह से कभी-कभी लालचंद बेटे को देखने की वजह से दस मिनट देरी से शाम को होटल जाते थे। हिमांशु कहते हैं कि उन्हें पढ़ाई छोड़कर कमाना पड़ा तो वह इसके लिए भी तैयार हैं, लेकिन होटल के जीएम को इस मामले में कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

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