इस बार सर्दियों में खुले में जलाया कचरा तो हो सकती है जेल, जानें क्‍या हो रही तैयारी

वायु प्रदूषण के लिहाज से दिल्ली-एनसीआर में 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक का समय सर्वाधिक चिंताजनक होता है। इस कारण दिल्‍ली में पहले से ही कई उपाय किए जा रहे हैं।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Mon, 16 Sep 2019 07:46 AM (IST) Updated:Mon, 16 Sep 2019 08:06 AM (IST)
इस बार सर्दियों में खुले में जलाया कचरा तो हो सकती है जेल, जानें क्‍या हो रही तैयारी
इस बार सर्दियों में खुले में जलाया कचरा तो हो सकती है जेल, जानें क्‍या हो रही तैयारी

नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। इस बार सर्दियों में खुले में कचरा जलाया तो जेल की हवा खानी पड़ सकती है। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने इस संबंध में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मुख्य सचिवों को लिखित निर्देश जारी किए हैं। साथ ही सर्दियों में वायु प्रदूषण से निपटने की उनकी तैयारियों के बाबत बैठक करने के लिए उनसे सुविधाजनक तारीख भी बताने को कहा है।

15 अक्‍टूबर से 15 मार्च का समय रहता है चिंताजनक
वायु प्रदूषण के लिहाज से दिल्ली-एनसीआर में 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक का समय सर्वाधिक चिंताजनक होता है। हवाओं की दिशा उत्तर-पश्चिमी या पश्चिमी होने के कारण उसमें नमी की मात्र काफी अधिक हो जाती है। ऐसे में प्रदूषक कण उड़ नहीं पाते और वातावरण में जमने लगते हैं। इस मौसम में अगर प्रदूषण बढ़ाने वाली अन्य गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगाया जाए तो वातावरण गैस चैंबर में तब्दील होने लगता है। दिल्ली-एनसीआर ने वर्ष 2016 और 2017 लगातार दो साल इस स्थिति का सामना किया है।

खराब थे हालात
2018 में भी गैस चैंबर वाले हालात भले नहीं बने, लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से आपातकालीन स्थिति अवश्य बन गई थी। इसी के मद्देनजर इस साल समय रहते हालात से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। सर्दियों में दिल्ली-एनसीआर में चोरी छिपे खुले में कचरा जलाने की घटनाएं खूब सामने आती हैं। सबसे ज्यादा चिंताजनक हालात तब बनते हैं, जब रात के अंधेरे में औद्योगिक कचरे, रबड़ और प्लास्टिक जलाए जाते है। बीते वर्ष ईपीसीए, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की टीमों ने ऐसे कई मामले पकड़े थे और पांच हजार से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी ठोका था।

इस बार हो रही सख्‍ती
इस बार ईपीसीए ने सख्ती जताते हुए ऐसा करने वालों को सलाखों के पीछे भेजने का निर्णय लिया है। बताया जाता है कि ईपीसीए के अध्यक्ष भूरेलाल ने दिल्ली-एनसीआर में शामिल शहरों वाले चारों राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। इसमें उन्हें स्थानीय निकायों को निर्देश जारी करने को कहा गया है कि 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू रहेगा।

जलाया कचरा तो लगेगी धारा 133
इस दौरान यदि कोई भी खुले में कचरा, रबड़ या प्लास्टिक जलाता हुए पाया गया तो सार्वजनिक स्थल पर गड़बड़ी फैलाने या जनता के लिए परेशानी पैदा करने के जुर्म में धारा 133 के तहत न केवल उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा, बल्कि जेल की हवा भी खिलाई जाएगी। पत्र में यह भी कहा गया है कि सर्दियों में प्रदूषण से निपटने के लिए उनका क्या एक्शन प्लान है, इस पर ईपीसीए की टीम उन्हीं के गृहक्षेत्र में आकर बैठक करना चाहती है, तारीख तय करके सूचित करें।

जल्‍द होगी बैठक
प्रदूषण से जंग में सख्ती बहुत जरूरी हो गई है। हालांकि नोएडा में पहले भी ऐसे कुछ मामलों में कार्रवाई की गई है, लेकिन अब समूचे दिल्ली-एनसीआर में सख्ती से कार्रवाई होगी। जल्द ही दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान के मुख्य सचिवों के साथ इस संबंध में तैयारियों पर बैठक भी की जाएगी।

-भूरेलाल, अध्यक्ष, ईपीसीए

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