Delhi Rain News 2021: दिल्ली में जुलाई की बारिश ने तोड़ दिया 18 साल का रिकॉर्ड

Delhi Rain News 2021 मंगलवार सुबह भी केवल तीन घंटों में ही 100 मिमी बारिश दर्ज की गई। यह भी आठ साल में जुलाई में 24 घंटे के दौरान सर्वाधिक बारिश है। इससे पूर्व 2013 में 21 जुलाई को 123.4 मिमी बारिश हुई थी।

By Jp YadavEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 06:05 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 02:14 PM (IST)
Delhi Rain News 2021: दिल्ली में जुलाई की बारिश ने तोड़ दिया 18 साल का रिकॉर्ड
Delhi Rain News 2021: दिल्ली में जुलाई की बारिश ने तोड़ दिया 18 साल का रिकॉर्ड

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली में मानसून देर से भले ही आया हो, लेकिन अब देश की राजधानी में अच्छी बारिश हो रही है। मंगलवार शाम तक इस माह में अब तक 382.7 मिमी बारिश दर्ज की गई है जो 2003 के बाद जुलाई में सबसे अधिक है। मंगलवार सुबह भी केवल तीन घंटों में ही 100 मिमी बारिश दर्ज की गई। यह भी आठ साल में जुलाई में 24 घंटे के दौरान सर्वाधिक बारिश है। इससे पूर्व 2013 में 21 जुलाई को 123.4 मिमी बारिश हुई थी। गौरतलब है कि निर्धारित समय से 16 दिन देरी से 13 जुलाई को मानसून आने के बावजूद राजधानी में इस महीने अब तक बारिश के 14 दिन दर्ज किए गए हैं। 19 वर्षों में सर्वाधिक विलंबित मानसून अब दिल्ली को भिगो रहा है।

दिल्ली में सबसे ज्यादा बारिश सफदरजंग में

मौसम विभाग ने सफदरजंग पर अभी तक 108 फीसद अधिक बारिश होने का अनुमान लगाया है। 27 जुलाई तक सामान्य बारिश है 183.5 मिमी जबकि हो चुकी है 380.9 मिमी बारिश। आमतौर पर दिल्ली में जुलाई में 210.6 मिमी बारिश दर्ज की जाती है। पिछले साल 236.9 मिमी, 2019 में 199.2 मिमी और 2018 में 286.2 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। 2017 में 170.5 मिमी बारिश दर्ज की गई, 2016 में 292.5 मिमी और 2015 में 235.2 मिमी हुई।2013 में दिल्ली में 340.5 मिमी बारिश हुई थी। 2003 में आल टाइम रिकार्ड 632.2 मिमी बारिश का है।

स्काइमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान) महेश पलावत के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में बारिश के दिनों की संख्या में कमी आई है और चरम मौसम की घटनाओं में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि शहर कम समय में अधिक वर्षा दर्ज कर रहे हैं। पहले 100 मिमी बारिश तीन से चार दिनों में होती थी। अब हमें केवल पांच-छह घंटों में इतनी वर्षा मिल रही है। हालांकि महेश पलावत के मुताबिक बारिश के ऐसे दौर भूजल रिचार्ज करने में मदद नहीं करते बल्कि निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ का कारण बनते हैं। अगर चार से पांच दिन धीरे-धीरे बारिश होती है तो पानी जमीन में रिसता है, जबकि भारी गिरावट की स्थिति में बारिश का पानी जल्दी बह जाता है।

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