जेएनयू समेत देश के सभी कॉलेजों में 29 सितंबर को मनाया जाएगा ‘सर्जिकल स्ट्राइक डे’

भारतीय सेना द्वारा 29 सितंबर 2016 को पाकिस्तानी सीमा में घुसकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक को अब दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इंडिया गेट पर 29 सितंबर को एक मल्टीमीडिया प्रदर्शनी लगेगी।

By Amit SinghEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 04:33 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 04:33 PM (IST)
जेएनयू समेत देश के सभी कॉलेजों में 29 सितंबर को मनाया जाएगा ‘सर्जिकल स्ट्राइक डे’
जेएनयू समेत देश के सभी कॉलेजों में 29 सितंबर को मनाया जाएगा ‘सर्जिकल स्ट्राइक डे’

नई दिल्ली (जेएनएन)। भारतीय सेना द्वारा 29 सितंबर 2016 को पाकिस्तानी सीमा में घुसकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक को अब दिवस के रूप में मनाया जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर को सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को पत्र भेजकर ‘सर्जिकल स्ट्राइक डे’ मनाने के निर्देश दिए हैं।

यूजीसी के इस निर्देश पर शुक्रवार को दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने 29 सितंबर को ‘सर्जिकल स्ट्राइक डे’ मनाने की घोषणा की है। जेएनयू के वीसी एम जगदेश कुमार ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि जेएनयू सुरक्षा बलों से बहुत करीब से जुड़ा हुआ है। हमारे पुराने छात्र सीमाओं पर जाकर हमारे लिए लड़ रहे हैं। इसलिए हम भी ‘सर्जिकल स्ट्राइक डे’ मनाकर अपना योगदान देंगे।

यूजीसी ने अपने पत्र में ‘सर्जिकल स्ट्राइक डे’ मनाने के लिए पूर्व सैनिकों से संवाद सत्र, विशेष परेड, प्रदर्शनियों का आयोजन करने को कहा है। साथ ही सुरक्षा बलों को अपना समर्थन देने के लिए उन्हें ग्रीटिंग कार्ड भेजने के निर्देश दिए हैं। यूजीसी ने बृहस्पतिवार को सभी कुलपतियों को इस संबंध में पत्र भेजा है।

यूजीसी ने कहा है कि ‘सभी विश्वविद्यालयों की एनसीसी की इकाइयों को 29 सितंबर को विशेष परेड का आयोजन करना चाहिए, जिसके बाद एनसीसी के कमांडर सरहद की रक्षा के तौर -तरीकों के बारे में उन्हें बताएं। विश्वविद्यालय सशस्त्र बलों के बलिदान के बारे में छात्रों को संवेदनशील करने के लिए पूर्व सैनिकों को शामिल करके संवाद सत्र का आयोजन कर सकते हैं।

इंडिया गेट पर लगेगी प्रदर्शनी

यूजीसी ने अपने पत्र में कहा है कि इंडिया गेट पर 29 सितंबर को एक मल्टीमीडिया प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। इसी तरह की प्रदर्शनियों का आयोजन राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, अहम शहरों, समूचे देश की छावनियों में किया जा सकता है। इन संस्थानों को छात्रों को प्रेरित करना चाहिए और संकाय सदस्यों को इन प्रदर्शनियों में जाना चाहिए।

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