JNU Protest: छात्रों से आंदोलन खत्म करने की अपील, कुलपति ने छात्रों को दिया वीडियो संदेश
सीपीआई के नेता मुहमद सलीम और के के रगेश भी जेएनयू पहुंचे और छात्रों की मांगों का समर्थन किया। के.के.रगेश केरल से राज्यसभा सदस्य भी हैं।
नई दिल्ली [राहुल मानव] जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में छात्र संघ और कई छात्रों की तरफ से पिछले दो हफ्ते से छात्रावास की फीस बढ़ोतरी और इसके नए नियमों को लागू करने के मामले में प्रदर्शन किया जा रहा है। रविवार को जेएनयू प्रशासन से जुड़े कुछ शिक्षकों ने प्रेसवार्ता करते हुए छात्रों से आंदोलन खत्म करने के लिए अपील की।
शुल्क लागत से कम था
इसमें छात्र कल्याण डीन प्रो उमेश कदम ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रावास शुल्क के रूप में लागत खर्च ही लेता है। अभी यह शुल्क लागत के मुकाबले काफी कम था और इसी वजह से हमें शुल्क में वृद्धि करनी पड़ी है। संस्थान की ओर से गरीब तबके के छात्रों लिए राहत दे दी है। ऐसे में अब आंदोलनकारी छात्रों को आंदोलन समाप्त कर कक्षाओं में लौट आना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की तरफ से सभी शिक्षण संस्थानों को कई ऐसे कदम उठाने के लिए वर्ष 2014 से बोला गया था कि अकादमिक गतिविधियों में काफी खर्च हो रहा है। ऐसे में संस्थान को ऐसे कदम उठाने चाहिए कि वितीय खर्च को दूर करें।
छात्रवृति मिल रही तो बढ़ा हुआ शुल्क देने में क्या परेशानी
जेएनयू के अधिकतर छात्रों को कोई न कोई छात्रवृत्ति मिल रही है। ऐसे में उन्हें बढ़ा हुआ शुल्क देने में क्या परेशानी है। उन्होंने कहा कि यह पूरा आंदोलन छात्र संघ को अधिसूचित कराने के लिए है, जो नियमानुसार अभी नहीं हुआ है। प्रोफेसर कदम ने बताया कि छात्र संघ के पिछले सही बिल उपलब्ध नहीं करवा पाने की वजह से छात्र संघ को अधिसूचित नहीं किया गया था। इस साल भी प्रक्रिया को पूरी नहीं करने की वजह से अभी तक छात्र संघ की अधिसूचना जारी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि आइएचए (इंटर हॉल एडमिनिस्ट्रेशन) की बैठक तक छात्रावास की नई नियमावली का कोई मुद्दा ही नहीं थी। उन्होंने कहा कि जब तक प्रक्रिया पूरी नहीं होगी विश्वविद्यालय की ओर से छात्र संघ को अधिसूचित नहीं किया जाएगा।
गरीबी रेखा से नीचे के छात्रों के लिए राहत की घोषणा
प्रोफेसर कदम ने बताया कि जेएनयू की कार्यकारी परिषद (ईसी) ने गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणी के छात्रों के लिए राहत की घोषणा की है। जब उनसे पूछा गया कि बीपीएल को किसी तरह परिभाषित करेंगे तो उन्होंने कहा कि हर राज्य सरकार बीपीएल परिवारों को कोई न कोई दस्तावेज जारी करती है। हम उसी दस्तावेज को मान्य कर देंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि नए शुल्क अगले सत्र से लागू होने हैं इसलिए इनमें बातचीत करके बदलाव भी संभव है।
छात्रों पर होगी कार्रवाई
छात्र कल्याण डीन पो उमेश कदम ने कहा कि छात्रों के आंदोलन की वजह से प्रशासनिक भवन में स्थिति किसी भी कार्यालय में कामकाज नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि छात्रों ने पूरे प्रशासनिक भवन को खराब कर दिया है। आंदोलन का यह तरीका बिलकुल सही नहीं है। हमने इस संबंध में पुलिस में मामला भी दर्ज कराया है। जल्द ही चीफ प्रोक्टर की ओर से उन छात्रों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी जिन्होंने ऐसा किया है।
साथ ही प्रेसवार्ता में मौजूद वंदना मिश्रा ने कहा कि मुझे छात्रों ने बंधक बनाया था वह जबरन अपनी मांगों को मनवाना चाहते थे, ऐसा करने वालों के खिलाफ भी प्रशासन कार्रवाई करेगा।
विवेकानंद की प्रतिमा पर आपत्तिजनक शब्द लिखने वालों को नहीं छोड़ेंगे
प्रोफेसर कदम ने कहा कि परिसर में लगी स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर आपत्तिजनक शब्द लिखने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में पुलिस में मामले कि शिकायत की गई है। हमने सभी सबूत पुलिस को सौंप दिए हैं। उन्होंने दावा किया कि सभी लोगों की पहचान हो गई है और जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
कुलपति ने छात्रों को दिया वीडियो संदेश
रविवार को जेएनयू के कुलपति प्रोफ एम.जगदीश कुमार ने छात्रों को संदेश देकर आंदोलन खत्म करने की कहा और उन्हें अपनी कक्षाओं में आने के लिए भी कहा।
राज्यसभा सदस्य ने कहा संसद में भी उठाएंगे मामला -
वहीं रविवार को देर शाम के समय सीपीआई के नेता मुहमद सलीम और के के रगेश भी जेएनयू पहुंचे और छात्रों की मांगों का समर्थन किया। के.के.रगेश केरल से राज्यसभा सदस्य भी हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार शिक्षा का निजीकरण कर रही है। इस मामले को ससंद में भी उठाया जाएगा।