JNU Protest: जेएनयू प्रशासन ने कहा, मानदंडों का पालन नहीं किया तो छात्रों पर होगी कार्रवाई
विश्वविद्यालय के शैक्षणिक मानदंडों और अकादमिक कैलेंडर का पालन करना छात्रों के हित में होगा। उन्हें 12 दिसंबर से शुरू होने वाली अंतिम सेमेस्टर परीक्षा में शामिल अनिवार्य होगा।
नई दिल्ली [ राहुल मानव]। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन की तरफ से रविवार को बयान जारी करते हुए कहा कि जिन भी छात्रों ने अकादमिक गतिविधियों एवं नियमों , मानदंडों का पालन नहीं किया तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। रजिस्ट्रार प्रो प्रमोद कुमार ने कि छात्रों के एक समूह की ओर से जारी हड़ताल के कारण, जेएनयू में अकादमिक गतिविधियों एवं कार्यक्रमों में भाग लेने और विश्वविद्यालय में अपनी शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करने की योजना बनाने वाले हजारों छात्र प्रभावित हो रहे हैं।
इससे उन्हें अकादमिक प्रोग्राम पूरा करने में मदद मिलेगी। जेएनयू प्रशासन द्वारा तय तिथियों तक अगर छात्रों द्वारा कार्य नहीं किया गया तो हजारों छात्रों के शैक्षणिक भविष्य पर प्रभाव पड़ेगा। जेएनयू के छात्र छात्रावास की फीस वृद्धि के खिलाफ सोमवार को ससंद की और प्रदर्शन मार्च निकालेंगे। छात्रों ने दावा किया है कि वह विश्वविद्यालय से पैदल करते हुए यह मार्च निकालेंगे। एनएसयूआइ और छात्र संघ के सदस्य इस प्रदर्शन में रहेंगे।
एमफिल-शोध प्रबंध-पीएचडी संबंधित स्कूलों (विभागों) को मूल्यांकन के लिए जमा करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है। इन तिथियों को अकादमिक परिषद (एसी) ने तय किया है इसलिए इनमें कोई ढील नहीं दी जाएगी। अकादमिक अध्यादेश के क्लॉज-7 के मुताबिक हर एमफिल करने वाले छात्र को अपना 50 फीसद पाठ्यक्रम पूरा करना होगा। अगर ये छात्र अपने पाठ्यक्रम कार्य को पूरा करते हुए 5 सीजीपीए लाने में असफल रहते हैं तो क्लॉज-8 के अनुसार दूसरे सेमेस्टर के अंत में उनका नाम विश्वविद्यालय की नामांकन सूची से हटा दिया जाएगा। जो छात्र बीए आॅनर्स प्रोग्राम में हैं, उन्हें सभी सत्रीय परीक्षाएं देनी होंगी और अकादमिक मानदंड में निर्धारित कम से कम सीजीपीए हासिल करना होगा।
जो छात्र ऐसा करने में असफल रहेंगे उनको विश्वविद्यालय की नामांकन सूची से हटा दिया जाएगा। साथ ही जो छात्र एमए, एमएससी पाठ्यक्रम में हैं और अकादमिक अध्यादेश के क्लॉज-9 और 11 का पालन करने में असफल रहते हैं तो उन्हें विश्वविद्यालय की नामांकन सूची से हटा दिया जाएगा। जेएनयू प्रशासन इसके लिए आंदोलन कर रहे छात्रों से एक बार फिर अपील करता है कि वह वापस कक्षाओं में लौटें और अपने शोध कार्य व अकादमिक गतिविधियां शुरू करें।