JNU: 100 फीसद जेआरएफ पास छात्रों को सात केंद्रों में पीएचडी में मिलेगा दाखिला
जेएनयू ने कहा कि इस परीक्षा में पूरे देश के छात्र भाग लेते हैं। इसलिए इस नीति में बदलाव नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे पूरी नामांकन प्रक्रिया प्रभावित होगी। इस मामले में 20 अगस्त को मुख्य पीठ के समक्ष सुनवाई होगी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सात केंद्रों पर पीएचडी में दाखिले के लिए 100 फीसदी जेआरएफ पास छात्रों को ही आवेदन करने देने के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने अपने निर्णय को दिल्ली हाई कोर्ट में सही ठहराया है। स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) की याचिका पर जेएनयू ने मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ के समक्ष हलफनामा दाखिल किया। जेएनयू ने कहा कि शैक्षणिक गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए यह नीतिगत निर्णय लिया गया है।
जेएनयू ने कहा कि इस परीक्षा में पूरे देश के छात्र भाग लेते हैं। इसलिए इस नीति में बदलाव नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे पूरी नामांकन प्रक्रिया प्रभावित होगी। इस मामले में 20 अगस्त को मुख्य पीठ के समक्ष सुनवाई होगी। जेएनयू ने दलील दी कि जेआरएफ छात्रों को ही पीएचडी के लिए नामांकन करने की अनुमति दिया जाना कानून के तहत है और इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है। यह नीति किसी कानून का उल्लंघन भी नहीं करती है। जेआरएफ एक प्रतिष्ठित फेलोशिप है और यूजीसी के निर्धारित मानदंडों के तहत हुई परीक्षा में पास करने वाले को ही मिलती है। ऐसे में शैक्षणिक गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए जेआरएफ पास छात्रों को ही पीएचडी में नामांकन के लिए आवेदन करने की अनुमति दी गई है।
जेएनयू ने स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) की याचिका को राजनीतिक बताते हुए कहा कि इसका शैक्षणिक योग्यता से कोई लेना-देना नहीं है। इसीलिए उसे निरस्त कर दिया जाए। पीएचडी में नामांकन के लिए सिर्फ जेआरएफ पास छात्रों को ही आवेदन करने की अनुमति दिए जाने को एसएफआइ ने चुनौती दी है। अपने अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के माध्यम से चुनौती दी है।समाप्त विनीत 2 अगस्त