Janmashtami 2020: डीटीसी ने बसों के रूट में किया बदलाव, सफर कर रहे हैं तो जरुर पढ़ें यह खबर
डीटीसी के अनुसार बस रूट संख्या 803 966 990 990ए 990एक्स. की सेवाएं लिंक रोड से गोल मार्केट के बीच मंदिर मार्ग के स्थान पर पंचकुइयां रोड व राम कृष्णा आश्रम मार्ग होकर चलेंगी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने बुधवार को मनाए जाने वाले जन्माष्टमी के त्योहार के मद्देनजर कई बस रूटों में बदलाव किया है। जन्माष्टमी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु लक्ष्मी नारायण मंदिर, छतरपुर व अन्य मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए जाते हैं, ऐसे में भारी भीड़ हो जाती है। इस कारण बस रूटों में परिवर्तन करने का फैसला किया गया है।
डीटीसी के अनुसार, बस रूट संख्या 803, 966, 990, 990ए, 990एक्स. आदि की सेवाएं लिंक रोड से गोल मार्केट के बीच मंदिर मार्ग के स्थान पर पंचकुइयां रोड व राम कृष्णा आश्रम मार्ग होकर चलेंगी। इसी तरह रूट संख्या 521 व 522 की बसें कनॉट सर्कल से करोल बाग मेट्रो स्टेशन की दिशा में जाते समय गोल मार्केट से पेशवा रोड मंदिर मार्ग के स्थान पर राम कृष्णा आश्रम मार्ग और पचकुइयां रोड होकर जाएंगी।
वापसी में करोल बाग मेट्रो स्टेशन से कनॉट सर्कल की तरफ आते समय इन रूटों की बसें मंदिर मार्ग, पेशवा रोड की जगह सीधे पचकुइयां रोड का प्रयोग करेंगी। रूट संख्या 160, 310, 610, 610ए, 962 आदि की सेवाएं गोल मार्केट पहुंचकर भाई वीर सिंह मार्ग और आगे अपने निर्धारित रूट से चलेंगी।
सफदरजंग अस्पताल, गोल मार्केट तथा छतरपुर मंदिर पर यात्रियों को उतारने व चढ़ाने एवं अन्य सहायता के लिए पर्यवेक्षक स्टाफ को नियुक्त किया जाएगा। इसके अतिरिक्त संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि जरूरत होने पर यातायात पुलिस के निर्देश के अनुसार बसों का परिचालन सुनिश्चत करें।
घर में रहकर ही मनाएं जन्माष्टमी: राजेश्वरानंद
जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था उस समय भी कोई भीड़भाड़ नहीं थी, लेकिन देवी-देवताओं में हर्षोल्लास पूरी तरह था। उसी तरह इस बार बिना भीड़भाड़ के पूर्ण हर्षोल्लास के साथ सभी लोग जन्माष्टमी का पर्व मनाएं। यह कहना है गोरखपार्क स्थित श्री राजमाता झंडेवाला मंदिर के प्रमुख स्वामी राजेश्वरानंद महाराज का। उन्होंने कहा कि मंदिर में भी इस वर्ष बिना किसी भीड़भाड़ और बिना झांकी के जन्माष्टमी महोत्सव का आयोजन होगा। इस दौरान मुंह ‘ढको और दूर हटो’ की नीति अपनाई जाएगी। साथ ही भक्तजनों को मंदिर में बैठने की मनाही रहेगी। कोरोना संकट को ध्यान में रखकर अगर सभी लोग घर में रहकर ही जन्माष्टमी पर्व मनाएं तो ज्यादा अच्छा रहेगा।