Citizenship Act protests: जामिया विवि में उपद्रवियों की तलाश में घुसी पुलिस, सेमेस्टर परीक्षा स्थगित

Citizenship Act protests जामिया इलाके में हुए बवाल और आगजनी की घटना के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआइ) ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया है।

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 16 Dec 2019 08:02 AM (IST) Updated:Mon, 16 Dec 2019 08:02 AM (IST)
Citizenship Act protests: जामिया विवि में उपद्रवियों की तलाश में घुसी पुलिस, सेमेस्टर परीक्षा स्थगित
Citizenship Act protests: जामिया विवि में उपद्रवियों की तलाश में घुसी पुलिस, सेमेस्टर परीक्षा स्थगित

नई दिल्ली [गौरव बाजपेई]। जामिया इलाके में हुए बवाल और आगजनी की घटना के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआइ) ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया है। जेएमआइ ने कहा कि परिसर के आसपास के क्षेत्र में रविवार की हुई हिंसक घटना में जेएमआइ के छात्र शामिल नहीं थे। आसपास के इलाकों के लोगों द्वारा विरोध-प्रदर्शन का आयोजन किया गया था, जिसमें यह हिंसा हुई। छात्रों का इससे कोई लेना-देना नहीं है। कुलपति नजमा अख्तर ने बताया कि विश्वविद्यालय ने पहले ही 13 दिसंबर की घटना के बाद अवकाश और सेमेस्टर परीक्षा स्थगित करने की घोषणा कर दी थी।

रविवार को प्रदर्शन कर रहे उपद्रवियों को मथुरा रोड पर हुए बवाल के बाद पुलिस ने बल प्रयोग कर खदेड़ दिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में दिल्ली पुलिस के जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय कैंपस में घुसकर मारपीट करने की अफवाह फैलाई गई। इस दौरान विवि सूत्रों ने साफ किया कि पुलिस को परिसर में घुसने की अनुमति नहीं थी।

विवि प्रशासन ने कहा कि आसपास की कॉलोनियों में रहने वाले कुछ संदिग्ध उपद्रवी विवि परिसर में घुस आए। उनकी शिनाख्त करते हुए पीछे-पीछे दिल्ली पुलिस भी परिसर में दाखिल हुई। इस दौरान प्रशासनिक भवन के पास कुछ अज्ञात लोगों ने दिल्ली पुलिस पर हमला कर दिया। जिसके बाद जवाबी हमले में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। इस दौरान कई हॉस्टल की लाइटें भी चलीं गईं जिससे भगदड़ का माहौल बन गया। जामिया प्रशासन ने स्पष्ट किया कि अराजक तत्व जामिया छात्रों के द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन का दुरुपयोग कर विश्वविद्यालय के नाम को बदनाम कर रहे हैं।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जामिया में हिंसक उपद्रव के बाद छात्रों को हिरासत में लेने से खफा हजारों छात्र-छात्रएं रात नौ बजे आइटीओ स्थित पुराने दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर भी पहुंच गए। यहां उन्होंने दिल्ली पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में जामिया विश्वविद्यालय के अलावा जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय व एनएसयूआइ के छात्र-छात्रओं के आलावा कुछ राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता भी थे।

शाम को हुए लाठीचार्ज के विरोध में सोशल मीडिया पर संदेश भेजकर सभी को बुलाया गया। इसके बाद छात्र-छात्रएं रात 8.30 बजे तक पुराना पुलिस मुख्यालय के बाहर पहुंचे। उसके बाद दिल्ली के तीनों विश्वविद्यालयों से छात्र-छात्रएं मेट्रो व बसों से आइटीओ पहुंचे लगे। आनन फानन में आला अधिकारियों को सूचना मिलने पर मध्य व उत्तरी जिले से पुलिसकर्मियों का मुख्यालय पर पहुंचना शुरू हो गया। पुलिसकर्मियों ने मुख्यालय के सारे दरवाजे बंद कर बाहर कड़ी बैरिके¨डग कर दी।

रात 11 बजे तक करीब एक से डेढ़ हजार की संख्या में छात्र-छात्रएं यहां पहुंचे। मेट्रो से लगातार छात्रों को आते देख आइटीओ मेट्रो के सभी दरवाजे बंद करा दिए गए । खबर लिखे जाने तक प्रदर्शनकारी मुख्यालय के बाहर डटे थे। वहीं पुलिस के प्रवक्ता मंदीप सिंह रंधावा ने कहा है कि छात्रों के प्रदर्शन के बीच बाहरी लोग कैसे शामिल हो गए, इसकी जांच की जाएगी।

दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी

जेएनयू व डीयू से बड़ी संख्या में छात्र-छात्रओं ने मुख्यालय के बाहर सड़क तक ढफली बजाकर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारी हमें चाहिए आजादी, आजादी.आजादी, दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद, शर्म करो.शर्म करो, दिल्ली पुलिस जामिया छोड़ो.जामिया छोड़ो आदि के जमकर नारे लगाते रहे। इनकी मांग थी कि जामिया से पुलिसकर्मी हटाए जाएं। जिन छात्र-छात्रओं को हिरासत में लिया गया है उन्हें तुरंत छोड़ दिया जाए। जिन पुलिसकर्मियों ने छात्रों की पिटाई की है उन्हें निलंबित किया जाए।

पुलिस पर लगाया आग लगाने का आरोप

जामिया विवि छात्रों द्वारा साझा किए जा रहे वीडियो में यह आरोप लगाया जा रहा है कि डीटीसी की बसों में पुलिस के द्वारा ही आग लगाई गई है। हालांकि वीडियो से यह स्पष्ट नहीं है कि पुलिस कैन में पानी से आग बुझाने का प्रयास कर रही है या फिर ज्वलनशीन पदार्थ डालकर आग लगा रही है। हालांकि सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल किए जा रहे हैं। इस वीडियो को लेकर विभिन्न नेताओं ने ट्वीट भी किए हैं।

जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर वसीम अहमद खान ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस ने बल पूर्वक प्रवेश किया है। पुलिस को प्रवेश करने की कोई अनुमति नहीं दी गई थी। हमारे कर्मचारियों और छात्रों को पीटा जा रहा है और परिसर छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

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