जागो ने चुनाव आयोग में याचिका दायर कर शिरोमणि अकाली दल की मान्यता रद करने की कि मांग

जागो पार्टी के अध्यक्ष तथा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने इस संबंध में कहा है कि शिरोमणि अकाली दल की स्थापना गुरुद्वारों के प्रबंध को संभालने तथा पंथक परंपराओं की रक्षा करने के लिए हुई थी।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Wed, 18 Aug 2021 06:16 PM (IST) Updated:Wed, 18 Aug 2021 06:16 PM (IST)
जागो ने चुनाव आयोग में याचिका दायर कर शिरोमणि अकाली दल की मान्यता रद करने की कि मांग
अकाली दल के धार्मिक चुनाव लड़ने का विरोध किया है और पार्टी की मान्यता रद करने की मांग की है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जग आसरा गुरु ओट (जागो) पार्टी ने भारतीय चुनाव आयोग में याचिका दायर कर शिरोमणि अकाली दल बादल की मान्यता रद करने की मांग की है। जागो पार्टी के अध्यक्ष तथा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने इस संबंध में कहा है कि शिरोमणि अकाली दल की स्थापना गुरुद्वारों के प्रबंध को संभालने तथा पंथक परंपराओं की रक्षा करने के लिए हुई थी। लेकिन, मौजूदा समय में अकाली दल की सियासी विंग धार्मिक प्रबंध पर हावी हो गई है। इस वजह से सिख मुद्दों और सिख कल्याण की अनदेखी हो रही है। इसलिए उन्होंने अकाली दल के धार्मिक चुनाव लड़ने का विरोध किया है और सियासी पार्टी की मान्यता रद करने की मांग की है।

जीके ने कहा कि सिखों को गुमराह किया जा रहा है कि अकाली दल सिर्फ सिख धर्म की बेहतरी के लिए कार्य कर रहा है। जबकि सच्चाई इसके उलट है। सिखों के ईसाई धर्म में मतांतरण की दर लगातार बढ़ रही है। शिरोमणि अकाली दल का मुख्य सिद्धांत सिख समुदाय को आध्यात्मिक, शिक्षण-पोषण प्रदान करना है। लेकिन, अब यह सिद्धांत स्पष्ट रूप से गायब है। गुरुद्वारे में आए धन का उपयोग सिख समुदाय के कल्याण के लिए नहीं किया जा रहा है, बल्कि इसका उपयोग सियासी चुनावों में पार्टी के उत्थान के लिए किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि संविधान में निर्धारित नियमों के खिलाफ एक राजनीतिक दल के रूप में धार्मिक पार्टी का चुनाव लड़ना भारत के संविधान और लोकतंत्र के लिए खिलाफ है। क्योंकि एक पंजीकृत सियासी दल के अध्यक्ष से अपेक्षा की जाती है कि वो धर्म निरपेक्ष निष्ठा का पालन करेंगे और यदि ऐसा नहीं होता है तो यह भारत के चुनाव आयोग की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाता है।

ये था वर्ष 2017 के चुनाव का परिणाम

शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) ने लगातार दूसरी पर डीएसजीपीस पर कब्जा किया था। वर्ष 2013 के डीएसजीपीसी चुनाव की तरह ही दूसरी बार भी कमेटी के 46 में से 35 वार्डों पर जीत हासिल की थी। वहीं, शिअद दिल्ली (सरना) को मात्र 7 सीटें मिल पाई थी। दो सीटों पर अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार भाई रंजीत सिंह की पार्टी अकाल सहाय वेलफेयर सोसायटी ने जीत हासिल की थी जबकि दो निर्दलीय जीते थे।

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