Delhi Coronavirus Alert ! आइवरमेक्टिव दवा कोरोना से बचाव में खास असरदार नहीं
Ivermective Drug News डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि आइवरमेक्टिन का कुछ लोग प्रोफाइलेक्टिक के रूप में इस्तेमाल करते हैं लेकिन ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिससे यह साबित हो कि कोरोना होने से पहले यदि कोई यह दवा ले तो संक्रमण से बच सकता है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की हालत बिगड़ने पर रेडमेसिविर इंजेक्शन और आइवरमेक्टिन दवा का इस्तेमाल बढ़ा है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह उतनी कारगर नहीं हैं, जितना दावा किया जा रहा है। इस बाबत दिल्ली के नामी लोकनायक अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि आइवरमेक्टिन का कुछ लोग प्रोफाइलेक्टिक (बचाव के लिए दी जाने वाली दवा) के रूप में इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिससे यह साबित हो कि कोरोना होने से पहले यदि कोई यह दवा ले तो संक्रमण से बच सकता है। यह पेट में कीड़े मारने की दवा है। माना जाता है कि इसमें एंटीवायरल गुण भी है, इसलिए हल्के संक्रमण वाले मरीजों को लेने की सलाह दी जाती है। लेकिन कितना प्रभावी है इसका भी कोई स्पष्ट डाटा नहीं है। गंभीर मरीजों के इलाज में इस दवा का फायदा नहीं है। इस दवा से उल्टी, कमजोरी जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर नीरज निश्चल (Neeraj Nischal, Associate Professor of All India Institute of Medical Sciences, Delhi) ने कहा कि लैब में यह देखा गया है कि कोरोना वायरस के खिलाफ आइवरमेक्टिन का एक्शन है लेकिन जिस डोज की जरूरत होती है, उसे डोज को देना संभव नहीं है। अभी तक ऐसा कोई ठोस शोध नहीं है जिससे यह कहा जा कि इस दवा के इस्तेमाल से कोरोना के संक्रमण से बचा जा सकता है। कोरोना के इलाज में इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है। प्रोटोकॉल में भी शामिल है लेकिन उसका कितना फायदा है अभी किसी को नहीं मालूम। कोरोना के अनुकूल नियमों का पालन व टीका ये सिर्फ दो चीजें ही कोरोना से बचाव कर सकती हैं।
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